गौतमबुद्ध नगर जिले को उसकी पहली महिला जिलाधिकारी के रूप में एक नया नेतृत्व मिला है. साल 2014 बेच की तेजतर्रार और जनहितैषी आईएएस अधिकारी मेधा रूपम ने जिले की डीएम का कार्यभार विधिवत रूप से संभाल लिया. कलेक्ट्रेट के कोषागार कक्ष में आयोजित सादे समारोह में निवर्तमान जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने उन्हें औपचारिक रूप से जिम्मेदारी सौंपी. मनीष कुमार वर्मा का तबादला अब प्रयागराज जिले में जिलाधिकारी पद पर हुआ है.
डीएम मेधा रूपम ने कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही स्पष्ट संकेत दिए कि उनका प्रशासनिक दृष्टिकोण जनता-केन्द्रित, सुशासनपूर्ण और परिणाम-आधारित होगा. उन्होंने अधिकारियों के साथ पहली बैठक में ही यह निर्देश दिए कि जिले में पारदर्शिता और कार्य कुशलता सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल होंगी.
इससे पहले कासगंज की डीएम के पद पर कार्यरत थीं मेधा रूपम
डीएम मेधा रूपम ने कहा जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान, शिकायत निवारण में तेजी और कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी स्तर तक पहुंच मेरी प्रमुख प्राथमिकताएं रहेंगी. मेधा रूपम इससे पूर्व कासगंज की डीएम के पद पर कार्यरत थीं. इससे पहले वह हापुड़ जिले की भी जिलाधिकारी रह चुकी हैं और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बतौर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (ACEO) भी अपनी सेवा दे चुकी हैं.
प्रशासनिक स्थितियों से भलीभांति परिचित हैं मेधा रूपम
ग्रेटर नोएडा कार्यकाल के दौरान वे क्षेत्र की सामाजिक और प्रशासनिक स्थितियों से भलीभांति परिचित रही हैं. उनकी गिनती एक कर्मठ, संवेदनशील और अनुशासित अफसर के तौर पर की जाती है. वे क्षेत्रीय जनसमूह से संवाद और संवाद की निरंतरता को प्रशासन का महत्वपूर्ण आधार मानती हैं. डीएम मेधा रूपम के आगमन से गौतम बुद्ध नगर में प्रशासनिक व्यवस्था को एक नई दिशा और ऊर्जा मिलने की उम्मीद है. खासतौर से महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देने की दिशा में यह नियुक्ति जिले के लिए ऐतिहासिक मानी जा रही है.