हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के भाई प्रदीप ने गुपचुप तरीके से कोर्ट में किया सरेंडर

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए बिकरु कांड के मामले में कुर्की के बाद विकास दुबे के भाई दीपक दुबे ने सरेंडर कर दिया है। गुपचुप तरीके से लखनऊ कोर्ट में प्रदीप दुबे ने सरेंडर कर दिया। जालसाजी, रंगदारी वसूलने के मामले में आरोपी दीपक की तलाश में लखनऊ पुलिस दबिश दे रही थी। बुधवार सुबह-सुबह कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आर्म्स एक्ट कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बीते शुक्रवार को पुलिस ने दीपक दुबे उर्फ दीपू की संपत्ति को भी कुर्क किया था।

एडीसीपी सेंट्रल की मौजूदगी में करीब चार घंटे तक पूरी कार्रवाई चली। इस दौरान करीब एक करोड़ रुपए की संपत्ति को पुलिस ने जब्त कर लिया। एडीसीपी सेंट्रल चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक, कृष्णानगर थाना क्षेत्र के इंद्रलोक कालोनी में रहने वाले दीपक दुबे और उसके भाई विकास दुबे पर जुलाई में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया था।

प्रदीप दुबे के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज

लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दीपक दुबे पर जालसाजी और रंगदारी वसूलने का मामला भी दर्ज है उसने इसी मामले में सरेंडर किया है। वहीं दीपक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस बिकरु कांड के बाद से ही लगी हुई थी। जगह-जगह दबिश दी जा रही थी, लेकिन वो पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो रहा था। इससे पहले भी दीपक दुबे ने कोर्ट में सरेंडर करने की कोशिश की थी, लेकिन कोरोना निगेटिव रिपोर्ट न होने की वजह से ऐसा हो नहीं सका था, लेकिन इस बार वो कामयाब हो गया। बताया जा रहा है कि दीपक रात से ही कोर्ट परिसर में छिपा हुआ था।

21 दिसम्बर को कोर्ट में डाली थी अर्जी
सूत्रों का कहना है कि दीप प्रकाश कोर्ट परिसर में पहुंचा था। आत्मसमर्पण से पूर्व आरोपित से कोई टेस्ट की रिपोर्ट मांगी गई। इस पर वह जांच कराने की बात कहकर वहां से निकल गया। इस बीच पुलिस भी सक्रिय हो गई और आरोपित की खोजबीन करने लगी, लेकिन दीप प्रकाश वापस नहीं लौटा। आरोपित ने कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए अर्जी दी है। 21 दिसंबर तक आरोपित को आत्मसमर्पण करना है। पुलिस को इस बात की जानकारी थी, जिसके बाद कोर्ट परिसर के आसपास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।