अंग्रेजी हुकूमत को धूल चटाने वाले स्वतंत्रता सेनानी देव सिंह राठौर ने सुमवार को ली अंतिम सांस

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फर्रुखाबाद।(www.arya-tv.com) अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़कर देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देव सिंह राठौर का सोमवार भोर पहर देहांत हो गया। वह 96 वर्ष के थे और परिवार के साथ मोहम्दाबाद क्षेत्र स्थित गांव ईसेपुर में रह रहे थे। जानकारी होते ही गांव पहुंचे एसडीएम सदर अनिल कुमार और क्षेत्राधिकारी राजवीर सिंह ने पार्थिव शरीर पर तिरंगा ओढ़ाकर शासकीय सम्मान दिया।

फर्रुखाबाद के मोहम्दाबाद क्षेत्र के गांव ईशेपुर निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देव सिंह राठौर ब्रिटिश हुकूमत के दौरान 1939 में कालीनदी के किनारे बने गेस्ट हाउस पर अंग्रेजी सेना भर्ती हुए और प्रशिक्षण के बाद डेढ़ वर्ष तक सिंगापुर और जापान में रहे। सन 1943 में स्वाधीनता के अग्रणी रासबिहारी बोस ने उनको नेताजी सुभाषचंद्र बोस से मिलवाया।

वह बताते थे कि उनसे नेताजी ने कहा था कि भारत माता गुलामी की जंजीरों में जकड़ी हैं, जिन्हें आजाद कराना है। इस बात से इतने वह प्रभावित हुए कि उन्होंने अंग्रेजी सेना से नौकरी छोड़ दी और साथियों के साथ कोरे कागज पर खून से हस्ताक्षर करके नेताजी की सेना में भर्ती हो गए। ब्रिटिश हुकूमत के विरोध में भारत माता को आजाद कराने के लिए कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

15 अगस्त 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें सम्मानित किया था। इसके अलावा जिले के कई मंचों समेत कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, उद्योगपति जेके सिंहानियां समेत देश की कई हस्तियां भी उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।

जीवन के अंतिम दिनों में भी समाज व मुल्क की बेहतरी के लिए वह फिक्रमंद रहे। गांव ईशेपुर में वह भ्रष्टाचार, स्वार्थपरक राजनीति व अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने में लगे रहे। वह नियमित रूप से प्रतिदिन सुबह दो किलोमीटर पैदल चलते थे। गांव के बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़ें, इसके लिए लोगों को जागरूक करते रहे। भ्रष्टाचार से बेहद दुखी रहते थे और कहते थे कि इस कोढ़ ने भारत की प्रगति को डस लिया। वह संदेश देते थे कि कोई भी काम हो सब्र रखो, नियमों से काम कराओ, कभी भेंट पूजा (घूस) मत दो।