लखनऊ में फ्लैट खरीदने के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। हुसैनगंज पुलिस ने यजदान इंफ्रास्ट्रक्चर के मालिक फाहद याजदानी समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि बिल्डर और उसके साथियों ने फर्जी अप्रूवल लेटर व एनओसी दिखाकर लोगों से लाखों-करोड़ों रुपये ऐंठ लिए।
एडीसीपी सेंट्रल जितेंद्र दुबे के आदेश पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़ित रामकरण सिंह बच्चन निवासी तिंदवारी, बांदा ने बताया कि वर्ष 2017 में वह अपने साथी राजभवन उपाध्याय के साथ फ्लैट खरीदना चाहते थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात हुसैनगंज स्थित सर्वपल्ली विंडसर निवासी फाहद याजदानी से हुई।
फाहद ने पुराना किला रोड पर बन रहे अलाया अपार्टमेंट प्रोजेक्ट की जानकारी दी और दावा किया कि अपार्टमेंट का नक्शा एलडीए से पास है तथा सभी आवश्यक एनओसी मौजूद हैं। आरोपियों द्वारा दिखाए गए दस्तावेजों पर भरोसा कर रामकरण ने फ्लैट नंबर 602 और उनके साथी ने फ्लैट नंबर 302 खरीद लिया।
ध्वस्तीकरण आदेश से खुला फर्जीवाड़ा
कुछ वर्षों बाद पीड़ितों को जानकारी मिली कि एलडीए ने 15 मार्च 2023 को अपार्टमेंट को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया है। जांच में सामने आया कि बिल्डर द्वारा दिखाए गए नक्शे और एनओसी फर्जी थे और अपार्टमेंट का निर्माण अवैध रूप से किया गया था। इसके बाद 23 दिसंबर 2024 को एलडीए ने दोबारा ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया।
पीड़ित का आरोप है कि यजदान इंफ्रास्ट्रक्चर और उसके सहयोगियों ने उनकी तरह कई अन्य लोगों से भी फ्लैट के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले। रकम वापस मांगने पर आरोपियों ने केवल आश्वासन दिए, लेकिन पैसा नहीं लौटाया।
पहले से दर्ज हैं कई मुकदमे
परेशान होकर पीड़ित ने एडीसीपी मध्य से शिकायत की, जिसके बाद मामले की जांच कराई गई। थाना प्रभारी हुसैनगंज शिवमंगल सिंह ने बताया कि जांच में आरोप सही पाए जाने पर फाहद याजदानी, शराफत अली, अब्दुल कादिर खान और फरहत हसन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में पहले से भी कई मामले दर्ज हैं। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
