(www.arya-tv.com) बरेली में वार्न बेबी फोल्ड संस्था से 27 माह पहले अपहृत किए गए बच्चे को पुलिस ने बरामद कर लिया। पहले यह मामला चोरी का था, लेकिन बाद में इसमें अपहरण की धारा भी लगाई गई। एंटी हृयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और बरेली की सर्विलांस टीम ने 9 साल के बच्चे को बरामद किया है। उस समय बच्चा करीब पौने 7 साल का था।
बच्चे को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया है। बच्चे की केयरटेकर महिला ने यूपी पुलिस के सिपाही के साथ मिलकर अपहरण किया था। आरोपी हर 3 से 4 माह में अपनी लोकेशन बदल देते थे। सिपाही ने बाद में रिटायरमेंट ले लिया था।
पहले बच्चे के अपहरण के बारे में पढ़िए
26 मार्च 2021 का दिन था। बरेली के कोतवाली थाना क्षेत्र के वार्न बेबी फोल्ड से एक बच्चा चोरी हो गया। इसके बाद वहां हड़कंप जैसी स्थिति मची। बच्चे के अपहरण की सूचना पर पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। जिसमें पुलिस ने उस समय कई स्थानों पर सीसी टीवी फुटेज देखी। जिसमें एक महिला संदिग्ध तौर पर बच्चे को ले जाते हुए दिखाई पड़ी।
26 मार्च 2021 को ही प्रियरोज एडमंड नामक महिला ने थाने में बच्चे के अपहरण की तहरीर दी। जिसकी एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। लेकिन, आरोपी महिला और बच्चे का कोई सुराग नहीं लगा। अपहरण के इस केस में अनुचंद्रा निवासी खन्नू माेहल्ला थाना किला को नामजद किया गय। आरोपी महिला का भी सुराग नहीं लगा। बाद में पुलिस की जांच में सामने आया कि इसमें पुलिस का सिपाही इकबाल सिंह भी शामिल है, वह भी फरार है।
जंक्शन के पास से बरामद किया बच्चा
शनिवार को बरेली की सर्विलांस टीम और एंटी हृयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के थाना प्रभारी हरवीर सिंह ने 9 साल के बच्चे को बरेली जंक्शन स्थित मंदिर के पास से बरामद कर लिया। बच्चे का अपहरण करने वाले पूर्व सिपाही इकबाल सिंह और अनुचंद्रा को भी अरेस्ट किया गया।
बच्चे को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया, सीडब्ल्यूसी के आदेश के क्रम में आर्यसमाज अनाथालय जनपद बरेली में बच्चे को भेज दिया गया। सिपाही इकबाल सिंह मूलत: लखीमपुर जिले का रहने वाला है, जो बरेली में अलग अलग स्थानों पर किराए पर रह रहा था। बच्चे के अपहरण में नाम आने के बाद सिपाही ने पुलिस विभाग से रिटायरमेंट ले लिया था।
बच्चे की केयरटेकर थी आरोपी महिला
पुलिस ने बताया कि जिस महिला को बच्चे के अपहरण में अरेस्ट किया गया, वह वार्न बेबी फोल्ड में बच्चे की केयरटेकर थी। पूछताछ में महिला ने बताया कि मैं बच्चे की देखभाल करती थी। बच्चा बोलने और देखने में बहुत पसंद था, इसलिए बच्चे से प्यार हो गया और वह पसंद था। महिला ने पुलिस को बताया कि मैंने 3 साल पहले एक पत्र भी वार्न बेबी फोल्ड के अधिकारी को दिया था, कि यह बच्चा मुझे दे दिया जाए, लेकिन बच्चा नहीं दिया गया। जिसके बाद बच्चे को चोरी करने का प्लान बनाया।
सिपाही रहते हुए इकबाल सिंह का भी वहां आना जाना था। इसलिए सिपाही के कहने पर ही महिला अनुचंद्रा ने बच्चे का अपहरण किया था। उसके बाद दोनों बच्चे को अलग अलग स्थानों पर किराए पर रखकर रहते थे। 3 से चार माह में जगह बदल देते थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि यह बच्चा एक महिला कांस्टेबल का था, लेकिन उसकी शादी नहीं हुई थी। जिसके चलते बच्चा वार्न बेबी फोल्ड में था, यहां से केयरटेकर महिला ने ही अपहरण किया था