अमेरिका में पहली बार महिलाओं ने पूरी की मरीन ट्रेनिंग

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(www.arya-tv.com)अमेरिका सेना के 100 साल के इतिहास में पहली बार महिला सैनिकों ने लिंगभेद की आखिरी बाधा पार कर ली है। लीमा कंपनी की महिला प्लाटून की 53 रंगरुटों ने मरीन कॉर्प्स का सबसे मुश्किल कोर्स पूरा कर लिया है। कैलिफोर्निया के कैंप पेंटलटन में सबसे मुश्किल माने जाने वाले करीब 11 हफ्ते के कड़े प्रशिक्षण के बाद अब वे आधिकारिक रूप से मरीन बन गई हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि महिलाओं ने इस कोर्स को पूरा किया है। इन्होंने 9 फरवरी 2021 को ट्रेनिंग शुरू की थी।

20 साल की अबिगेल रैगलैंड इन्हीं में से एक हैं। वे बताती हैं- लाखों आंखें हम पर लगी थीं। हम किसी भी हाल में फेल नहीं होना चाहते थे। वहीं 19 साल की एनी कहती हैं- मैं जिंदगी में कभी भी आसान चुनौतियां नहीं चाहती थी। मुझे पहले ही दिन लग गया था कि मैं मरीन के लिए ही बनी हूं।’ इदाहो की 19 साल की मिया ओ’हारा कहती हैं- आखिरी चढ़ाई में प्लाटून का झंडा मेरे हाथों में था।

चढ़ाई बेहद चिकनी और नुकीली थी। कई बार लगा कि यह जिंदगी की आखिरी चढ़ाई है, पर यह भरोसा भी था कि आखिरी छोर पर कोई स्वागत के लिए खड़ा है…और हमने यह कर दिखाया।’ एक छोटे समारोह में इन्हें वर्दी पर लगाने के लिए ईगल, ग्लोब और एंकर पिन दिया गया, जो इस बात का प्रतीक है कि अब वे ट्रेनी नहीं, मरीन हैं।

सबसे मुश्किल कैंप में पुरुष कमांडोज के साथ ली टक्कर

इन्हें पुरुष कमांडोज के बराबर ट्रेनिंग दी गई। सुबह 3 बजे से रात तक बेहद थका देने वाली ट्रेनिंग। सिर्फ 3 घंटे सो पाती थीं। 35 किलो वजन लेकर 15 किमी की मुश्किल चढ़ाई के अलावा नुकीली चोटियों पर दौड़, धूल, कीचड़ में युद्धाभ्यास भी सिखाया गया।