जयपुर एयरपोर्ट 50 साल के लिए होगा निजी हाथों में, अडानी ग्रुप को मिली जिम्मेदारी

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(www.arya-tv.com)केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट को 50 साल के लिए निजी हाथों में सौपने का फैसला कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के जयपुर एयरपोर्ट के निजी हाथों में सौंपने की जानकारी दी।

जयपुर एयरपोर्ट का संचालन अडानी एंटरप्राइजेज संभालेगा। अडानी समूह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को प्रति घरेलू यात्री के लिए 174 रुपए जबकि प्रति अंतरराष्ट्रीय यात्री के लिए 348 रुपए का भुगतान करेगा।

केंद्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट सहित गुवाहाटी और तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। इन तीनों एयरपोर्ट में इस वित्त वर्ष के अंत तक निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाना शुरू भी कर दिया गया है।

50 साल के बाद वापस आ जाएंगे एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास
जयपुर एयरपोर्ट सहित गुवाहाटी और तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट को 50 साल के लिए पीपीपी मॉडल पर लीज पर दिए जाएंगे। 50 साल के बाद ये एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के पास वापस आ जाएंगे। गौरतलब है कि इससे पहले लखनऊ, अहमदाबाद और मेंगलुरू एयपोर्ट को पीपीपी मॉडल के तहत निजी हाथों में सौंपे जा चुके हैं।

सुविधाएं बढ़ेगी लेकिन यात्रियों की जेब पर पड़ेगा भार
जयपुर एयरपोर्ट के निजी हाथों में सौंपे जाने से एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेगी, लेकिन इसका यात्रियों की जेब पर सीधा-सीधा असर पड़ेगा। एयरपोर्ट पर मिलने वाले सामन की रेट सहित हर सुविधाओं पर चार्ज लगाने की निजी कंपनी को सीधी छूट होगी, जिससे वह मनमाने दाम वसूल सकेंगी।

माना जा रहा है कि एयरपोर्ट आने वाले हर वाहन पर 50 रपए. एंट्री शुल्क होगा। पार्किंग समेत हर चीज के लिए अलग से शुल्क लिया जाएगा। एयरलाइंस के काउंटर महंगे होंगे तो किराए की दरें भी बढ़ेंगी। चाय-कॉफी के लिए 200 रुपए तक शुल्क लिया जा सकता है। बाजार दर से 3 से 4 गुना अधिक कीमत पर सामान मिलेगा।