BBAU में होगा ‘पांच दिवसीय योग चिकित्सा कार्यशाला’ का आयोजन

Lucknow

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में ‘दसवें अंतराष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर आयोजित योग महोत्सव में दिनांक 6 जून से 10 जून 2024 तक सामान्य रोगों के लिए “पांच दिवसीय योग चिकित्सा कार्यशाला” का आयोजन किया जायेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० एन०एम०पी० के दिशानिर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रथम दिन “हृदय संबंधित समस्याओं के योगोपचार ” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव योग विभाग बीबीएयू , योग वेलनेस सेंटर, उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी, लखनऊ, आईयूसी- वाईएस, बेंगलुरु, विश्वविद्यालय मीडिया सेंटर (ई०एम०आर०सी०) व एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत विवि के विद्यार्थियों , शिक्षकों , कर्मचारियों एवं योग जिज्ञासु को कॉमन योग प्रोटोकॉल के तहत प्रतिदिन योगाभ्यास कराया जा रहा है।
योग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० हरिशंकर सिंह ने योग महोत्सव से सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को जीवन में उतारना अति आवश्यक है। योग विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ० दीपेश्वर सिंह ने कार्यशाला में बताया कि हृदय संबंधित समस्याएं कोविड-19 के बाद से तेजी से बढ़ती देखी गई है पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याओं का स्तर तेजी से बढ़ा है, हृदय रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है आज लोगों की लाइफ स्टाइल और आहार की गड़बड़ी के कारण हृदय रोग का जोखिम और भी बढ़ जाता है। इसीलिए योग का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए।

योग विभाग के कोआर्डिनेटर डॉ.शरद सोनकर ने कहा कि युवाओं को योग के प्रति जागरूक होना चाहिए। जिससे वह समाज में योग का हर स्तर पर प्रचार प्रसार कर सके। डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि योग के अभ्यास से उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है जिससे हार्ट अटैक के खतरे को भी कम किया जा सकता है। साथ ही योग वेलनेस सेंटर के योग प्रशिक्षक सागर सैनी ने कार्यशाला में संबंधित योगासन व प्राणायाम का अभ्यास कराया साथ ही लाभ व सावधानियों से भी अवगत कराया। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में पंजीकृत चिकित्सक डॉ. नवीन जीएच ने कहा कि चिकित्सकीय रूप से योग मुख्य रूप से तनाव संबंधी गैर-संचारी रोगों में लाभकारी है, क्योंकि अधिकांश चिकित्सा स्थितियों में यह एक अतिरिक्त चिकित्सा है तथा कुछ स्थितियों में एकमात्र चिकित्सा है।