(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बढ़नी के उपकेंद्र औंदही कला में 20 लोगों को दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन की डोज लगा दी गई। इन सभी को दो अप्रैल को पहली डोज कोविशील्ड की लगाई गई थी और शुक्रवार को इन्हें एएनएम व आशा ने दूसरी डोज के रूप में कोवैक्सीन लगा दी। मामले की जानकारी होते ही वैक्सीनेशन लगवाने वाले लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। सीएमओ के आदेश पर अब मामले की जांच शुरू हो गई है।
इन्हें लगा दिया गया अलग-अलग डोज
औंदही कला गांव की मालती देवी, छेदीलाल, सनेही, शहाबुद्दीन, मोहम्मद इकराम धोबी, रामसूरत, राधेश्याम शुक्ल, बेलावती, इंद्र बहादुर, रामकुमार, गोपाल, मुन्नी, अनारकली, चंद्रावती, सोमना, रामकिशोर, मालती देवी, रामप्रसाद, उर्मिला, नंदलाल चौधरी को कोवैक्सीन लगा दी गई जबकि पहली डोज कोवीशिल्ड की लगी थी। इन सभी ने दो अप्रैल को कोविशील्ड की पहली डोज ली थी। इसके बाद शुक्रवार यानी 14 मई को इन्हें टीके की दूसरी डोज दी गई लेकिन इस बार लापरवाही की वजह से कोविशील्ड की जगह कोवैक्सीन लगा दी गई।
टीकाकरण कार्ड पर दर्ज है कोविशील्ड, लगा कोवैक्सीन
स्वास्थ विभाग के टीकाकरण कार्ड पर पहली डोज कोविशील्ड ही दर्ज है जबकि दूसरी डोज के ब्रांड का नाम स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से कहीं भी नहीं दर्ज किया गया है।
परिवारीजनों ने की शिकायत
दो अलग-अलग वैक्सीन लेने की जानकारी होते ही परिवारीजनों को अंजना सा डर सताने लगा है। परिवारीजनों ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए इसकी शिकायत पीएचसी बढ़नी के एमओआईसी से की। शिकायत पर एमओआईसी डॉ.एसके पटेल ने मौके पर पहुंचकर मामले को संज्ञान में लिया। पीड़ित के परिवारीजनों का कहना है कि खुद पीड़ित और परिवारीजन ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। ऐसे में यह वैक्सीन देने वालों पर निर्भर करता है वो सही वैक्सीन का चुनाव करें।
क्या है गाइड लाइन
भारत में अभी तक कोविड-19 के दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन ही लगाए जा रहे हैं। अगर किसी को पहला टीका कोविशील्ड का लगा है तो दूसरा भी वही लगना चाहिए। अगर पहला इंजेक्शन कोवैक्सीन का था तो दूसरा भी कोवैक्सीन का ही होना चाहिए। इसकी जानकारी टीकाकरण करने वाले लगभग सभी हेल्थ प्रोफेशनल्स को रहती है। इसके बाद भी लापरवाही बरती गई है।कोवैक्सीन की दो वॉयल कोने में रखी हुई थी गलती से दोनों वॉयल लगने के लिए फील्ड में चली गई है।
डॉ. एसके पटेल, एमओआईसी, पीएचसी बढ़नी
कोविड प्रोटोकॉल में इसकी अनुमति नहीं है। अलग-अलग कंपनी के दो डोज नहीं लगने चाहिए। अगर इस तरह किया गया है तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. संदीप चौधरी, सीएमओ, सिद्धार्थनगर
दूसरे वैक्सीज की डोज लगने से कोई नुकसान नहीं है। इस डोज का कोई फायदा भी नहीं है। दो तीन महीने बाद फिर से दोनों डोज लगवानी पड़ेगी।