-Rahul Tiwari
लखनऊ। ”हत्या प्रदेश की राजधानी बन चुके लखनऊ में अपराधियों को क़ानून का रत्ती भर डर नहीं! 22 दिन…12 गोलिकांड…4 हत्याएँ। आज सुबह संतकबीरनगर के खलीलाबाद में भी युवक की गोली मारकर बदमाशों द्वारा हत्या। दहशत में ज़िंदगी…ख़ामोश पुलिस”
यह हम नहीं कह रहे, बल्कि यह कहना है उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का। गुंडाराज और अपराध मुक्त यूपी बनाने का संकल्प लेकर आई योगी राज में भी सितंबर माह हत्याओं का महीना बन गया है।
राजधानी लखनऊ में ही सितंबर महीने में पिछले 22 दिनों में 12 बार गोलियां चलीं जिसमें 6 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। जब राजधानी लखनऊ का ये हाल है तो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
कुछ घटनाएं
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संतकबीरनगर के वकील राम गोपाल त्रिपाठी का अपहरण कर लखनऊ में 7 सितंबर को नई जिला जेल रोड पर इंदिरा नहर के पास हत्या हुई थी।
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18 सितंबर को लाउन्ज प्रबंधक प्रशांत पाण्डेय की हत्या।
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राजधानी लखनऊ के डालीगंज में एक ही मकान में अलग-अलग कमरों में किराये पर रहने वाले युवक ने युवती की गोली मार कर हत्या कर दी, फिर खुद को भी गोली मार ली।
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लखनऊ में होटल संचालक की गोली मारकर हत्या।
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राजधानी के बन्थरा थाना क्षेत्र के ग्राम रामदासपुर में किसान बालगोविंद यादव का शव खेत में मिला।
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मोहनलालगंज में प्रापर्टी डीलर
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हुसैनगंज में हत्या 8 राउंड फायरिंग हुई।
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ठाकुरगंज में 6 साल की बच्ची की हत्या हो गई।
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5 सितंबर अमीनाबाद में सब्जी विक्रेता विपिन सोनकर की हत्या।
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7 सितंबर मड़ियांव में किराए को लेकर वकील ने लाइसेंसी बंदूक से की थी फायरिंग।
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8 सितंबर गोमतीनगर में अभिषेक ने सास चंदा सिंह को गोली मारकर जान दी।
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9 सितंबर बंथरा में तीन कुत्तों को बदमाशों ने गोली मार दी।
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11 सितंबर मानकनगर में प्रापर्टी डीलर गोलू यादव ने की फायरिंग।
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12 सितंबर निजी कंपनी संचालक इमरान को सआदतगंज में बदमाशों ने गोली मारी।
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13 सितंबर माल के भानपुर गांव में किसान विश्राम रावत को आधी रात को गोली मारकर घायल किया गया।
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16 सितंबर मोहनलालगंज में प्रापर्टी डीलर व पूर्व फौजली अशोक यादव को मारी गई गोलियां।
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17 सितंबर गुडंबा में शराब के ठेके पर फायरिंग।
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20 सितंबर को हसनगंज में सिरफिरे मदन ने नर्स की हत्या कर खुद को गोली मार ली।
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21 सितंबर को कैंट थाने के सामने पूड़ी विक्रेता की गोली मारकर हत्या।
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21 सितंबर मड़ियांव में स्कूली वैन चालक को बदमाशों ने मारी गोली।
‘हत्या प्रदेश’ की राजधानी बन चुकी लखनऊ में अपराधियों को क़ानून का रत्ती भर डर नहीं! 22 दिन…12 गोलिकांड…4 हत्याएँ. आज सुबह संतकबीरनगर के खलीलाबाद में भी युवक की गोली मारकर बदमाशों द्वारा हत्या. दहशत में ज़िंदगी…ख़ामोश पुलिस! pic.twitter.com/KEHZGhCcxg
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) September 23, 2019
