ड्रोन की दहशत से रातभर परेशान रहते थे गांव के लोग, कबूतर को लाल-हरी लाइट लगाकर उड़ाते थे आरोपी

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में ड्रोन की अफवाह के बीच मुजफ्फरनगर पुलिस ने बेहद हैरान कर देने वाली साजिश का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी ग्रामीण क्षेत्र में ड्रोन की दहशत फैलाकर जनपद का माहौल खराब कर रहे थे गिरफ्तार आरोपी कबूतर में लाल और हरी लाइट लगाकर रात के अंधेरे में उड़कर ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना रहे थे.

बता दें की मुजफ्फरनगर की थाना ककरौली क्षेत्र के ग्राम जटवाडा में उस समय हड़कंप मच गया जब ग्रामीणों ने रात के अंधेरे में एक “ड्रोन जैसा चमकता हुआ उड़ता उपकरण” आसमान में देखा. लाल और हरी लाइटों से चमकता वह उड़न यंत्र गांव वालों के लिए रहस्य और डर का कारण बन गया.

सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब उस उड़ती वस्तु का पीछा किया, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. वह कोई ड्रोन नहीं, बल्कि एक कबूतर था जिसके गर्दन और पैरों में लाल और हरी लाइटें बांधी गई थीं.

पुलिस ने गंभीरता से की मामले की जांच
इस विचित्र और सनसनीखेज घटना के बाद पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की और स्थानीय कबूतरबाजों की मदद से कबूतर को पकड़ लिया. मामले की गहन छानबीन के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि गांव के ही दो युवकों ने यह हरकत मजाक के तौर पर की थी. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अभियुक्त सुएब पुत्र अफसर (उम्र 22 वर्ष) और शाकिब पुत्र जावेद (उम्र 24 वर्ष), दोनों निवासी ग्राम जटवाडा, को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने आरोपियों के पास से 02 कबूतर, 01 पिंजरा और 03 लाल व हरी एलईडी लाइटें बरामद की हैं. पूछताछ में अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि वे गांव में पहले से फैली ड्रोन की अफवाहों का फायदा उठाकर मजाक करना चाहते थे. इसी उद्देश्य से उन्होंने कबूतर के शरीर पर लाइटें बांध कर रात में उड़ाया, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई.

आरोपियों पर दर्ज हुआ मुकदमा
इस मामले में थाना ककरौली पर मु.अ.सं. 114/25 धारा 270, 325, 353(1)(ख) भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत मुकदमा दर्ज कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है. इस पूरी कार्रवाई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में अंजाम दिया गया, जिसमें पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी भोपा और थाना ककरौली की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

इस सराहनीय कार्य के लिए पूरी पुलिस टीम को 20,000 रुपये का नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है. यह मामला न केवल एक अनोखे शरारती कृत्य का पर्दाफाश करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मुजफ्फरनगर पुलिस किस तरह गंभीरता और सजगता के साथ जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है.