(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में हवाई अड्डे समेत अन्य बड़ी योजनाओं के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन के उचित मुआवजे के लिए सोमवार को किसानों ने सरयू में खड़े होकर प्रदर्शन किया। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन उन्हें मुकदमों में फंसाने की धमकी दे रहा है। जमीन की खरीद-फरोख्त में दोहरा मापदंड अपना कर कौड़ी के रेट से खरीदने के लिए प्रशासन दबाव बना रहा है। यदि हमारी समस्याएं नहीं सुनी गई तो आत्मदाह कर लेंगे।
दो किसानों पर केस दर्ज, एक को 14 दिन के लिए जेल भेजा गया
दरअसल, किसानों की जमीनें योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट भगवान श्रीराम की 251 फीट ऊंची मूर्ति योजना और प्रभु श्रीराम एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित की जा रही हैं। जिसके लिए धर्म पुरवा, निउरपुरवा सहित अन्य गांव को चिन्हित किया गया है। लेकिन कम मुआवजे के कारण किसानों ने जमीनों को देने से इनकार कर दिया है। प्रशासन ने 2 लोगों के ऊपर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और विवाद की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर किया है। जिसमें से एक आरोपी अवधेश सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दूसरा आरोपी अरविंद यादव फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से दूर है। इसको लेकर भी किसानों में गुस्सा है।
स्थानीय महिला अनारा देवी ने कहा कि हमारा विरोध प्रभु राम मूर्ति का नहीं है। लेकिन प्रशासनिक उत्पीड़न से हम परेशान हो चुके हैं। हम अब जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे। सहमति पत्र नहीं देंगे। अवधेश सिंह निर्दोष हैं, जो केवल इस बात पर प्रशासन के उत्पीड़न का विरोध कर रहे थे। उनको और एक साथी अरविंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया और उसके बाद अवधेश सिंह पर झूठा आरोप लगाकर जेल भेज दिया है। ग्रामीण रामशंकर ने शासन और प्रशासन पर धमकाने का आरोप लगाया है। ग्रामीण महिला सुशीला का कहना है कि हमारी चार पीढ़ियां यहां पर रह रही हैं। हम यहां से जाने के बाद कहां जाएंगे प्रशासन के लोग सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए धमकियां दे रहे हैं।
प्रशासन ने जबरदस्ती की तो आत्मदाह कर लेंगे
यही हाल मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर धर्मपुर गांव के किसानों का है। उचित मुआवजे की मांग जोर पकड़ती जा रही है। अधिकारियों के टालमटोल रवैए से परेशान होकर सोमवार को धर्मपुर गांव के ब्राह्मणों ने सरयू नदी में स्नान कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आर पार की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है।
गांव के किसान विनय तिवारी ने बताया कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान गांव के किसानों को उचित मुआवजे का आश्वासन दिया गया था। जिलाधिकारी को निर्देशित भी किया गया था। किसानों को उनका उचित मुआवजा देने के बजाय उनको तरह-तरह के धमकियां मिल रहीं हैं। किसान कहते हैं कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उनकी जमीन का उचित मुआवजा उनका अधिकार है। जिस पर किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जा सकता। अगर प्रशासन ने जबरदस्ती जमीन को लेने की कोशिश की तो वे आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे।