(www.arya-tv.com) चीनी मिलों की मनमानी से गन्ना किसानों को परेशानी हो रही है। मेरठ मंडल की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का करीब 800 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य शेष है। पेराई सत्र 2019.20 के अंतर्गत मेरठ मंडल में केवल पांच और मेरठ जिले में तीन चीनी मिलें ऐसी हैंए जिनका गन्ना भुगतान शत.प्रतिशत हो गया है। इन पांच चीनी मिलों को छोड़कर मंडल की शेष 11 चीनी मिलों पर करीब 800 करोड़ गन्ना किसानों का मूल्य शेष है। एक साल बाद भी भुगतान पूरा न होने पर कहा जा सकता है कि चीनी मिलों पर गन्ना विभाग का नियंत्रण समाप्त हो चला है। मेरठ में मवाना किनौनी व मोहिद्दीनपुर चीनी मिल पर करीब 150 करोड़ बकाया है।
दिल्ली में चल रहे कृषि आंदोलन को एक माह से अधिक बीत गया है। इस दौरान वेस्ट यूपी में गन्ना भुगतान के लिए आंदोलन व धरने.प्रदर्शन गुम होकर रह गए हैं। मेरठ में गन्ना भुगतान को लेकर हर साल दिसंबर के माह में कई बार धरने.प्रदर्शन होते रहते हैं। लेकिन इस बार कृषि आंदोलन में गन्ना भुगतान की मांग पीछे छूट गई है। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी ने कहा कि संगठन की ओर से गन्ना भुगतान को लेकर कई बार आंदोलन किए गए। गन्ना भुगतान करने में चीनी मिलों की मनमानी पूरी तरह से चल रही है। प्रेस प्रवक्ता बबलू जटौली का कहना है कि चीनी मिलें गन्ना विभाग के नियंत्रण से बाहर हो गई हैं। गन्ना विभाग की खुली शह पर ही गन्ना किसानों का भुगतान साल भर बीतने के बावजूद भी नहीं हो पाता। इससे बड़ा दुर्भाग्य किसानों के लिए और क्या हो सकता है।