(www.arya-tv.com) बरेली में जाट रेजीमेंट सेंटर में अग्निवीर भर्ती परीक्षा चल रही है। बुधवार को पुलिस ने दो फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा है। ये दोनों फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए भर्ती होने का प्रयास कर रहे थे।
बायोमैट्रिक फिंगर प्रिंट की जांच के दौरान इनकी हरकत पकड़ में आई। आरोपी में मुस्लिम और दूसरा हिंदू है। इनके हाई स्कूल समेत अधिकतर कागज फर्जी निकले। सेना ने पूछताछ के बाद दोनों को कैंट पुलिस के हवाले कर दिया है।
बायोमैट्रिक फिंगर प्रिंट के दौरान पकड़े गए
अलीगढ जिले के खैर थाना क्षेत्र के गांव महरोला निवासी पप्पू सिंह जाट रेजीमेंट बरेली में सूबेदार के पद पर तैनात हैँ। उन्होंने बताया कि इन दिनों अग्निवीरों की भर्ती चल रही है। सूबेदार ने बताया कि वह शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान दो फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा। अग्निवीर भर्ती के लिए बरेली आए धर्मराज सिंह पुत्र बलवीर सिंह निवासी भूड़ नगरिया थाना खंदौली जिला आगरा व रंजीत सिंह पुत्र विजेंद्र सिंह निवासी मदनपुर मुस्तकिल थाना खंदौली जिला आगरा की जांच के दौरान बायोमैट्रिक फिंगर प्रिंट लेते समय फर्जीवाड़े का पता चला। फिंगर प्रिंट के दौरान पता चला कि अभ्यर्थी धर्मराज सिंह द्वारा कन्हैंया पुत्र गोपीचंद्र निवासी आगरा जन्मतिथि एक जनवरी 2002 व रंजीत सिंह द्वारा मोनू पुत्र सत्यवीर सिंह निवासी मथुरा जन्म तिथि 10 जुलाई 1999 के नाम से भर्ती दस्तावेज तैयार कर भर्ती में शामिल हुए हैं।
जिसके बाद दोनों को सेना के अफसरों के सामने पेश किया गया। सेना की इंटेलिजेंस विंग द्वारा गहनता से पूछताछ के दौरान धर्मराज सिंह ने अपना असली नाम अरुन पुत्र गफ्फार निवासी ग्राम सोरई थाना थाना खंदौली आगरा बताया। उसके सारे नाम पते से लेकर सारे प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। जबकि रंजीत सिंह का नाम पता सही पाया गया। रंजीत ने फर्जी हाईस्कूल का अंकपत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड का प्रयोग कर अग्निवीर भर्ती में प्रयास किया। फिलहाल सेना ने दोनों युवकों को कैंट पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।
खुद ही तैयार किए फर्जी प्रमाणपत्र
वहीं जांच के दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों के सभी प्रमाण पत्र चेक किए तो आधार कार्ड से लेकर सभी प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। अरुन पुत्र गफ्फार ने पूछताछ में बताया कि उसने धर्मराज सिंह के नाम से सारे फर्जी प्रमाणपत्र खुद बनाए थे। इस दौरान उसने फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए प्रिंटर का सहारा लिया था। इस दौरान उसने फोटो मिक्स कर तैयार किया था, लेकिन बायोमैट्रिक के अंगूठे के निशान में फंसने की जानकारी उसे नहीं थी। जिसके चलते वह पकड़ा गया।
वहीं गिरफ्तार किए गए आगरा निवासी रंजीत सिंह ने बताया कि उसने भर्ती के लिए हाईस्कूल समेत अन्य सभी प्रमाण पत्र फर्जी बनवाए थे। उसका सपना सेना में भर्ती होने का था लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण वह भर्ती नहीं हो पा रहा था। उसने फर्जी प्रमाण पत्र और दस्तावेज में उम्र कम करके भर्ती होने का प्रयास किया।