(www.arya-tv.com)यूपी में बढ़ते साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए साइबर सेल में तैनात पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में आगरा की तर्ज पर साइबर जागरुकता कैम्पेन चलाया जाएगा। डीजीपी मुकुल गोयल ने आगरा के साइबर जागरुकता कैम्पेन की सफलता को देखते हुए यह बात कही। डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि मोबाइल और कंप्यूटर के बढ़ते उपयोग के कारण बढ़ रहे साइबर अपराधों से बचने के लिए जनता को जागरुक करने की जरूरत है। इसके लिए “रोकथाम, इलाज से बेहतर है” के सिद्धान्त पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जनता को साइबर अपराधों से बचाव की पर्याप्त जानकारी नही है। साइबर क्राइम की कोई सीमा नहीं है। साइबर अपराधी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को टारगेट कर रहै हैं। हमारी यूपी पुलिस भी अभी साइबर ट्रेनिंग के दौर में है। इसलिए सबको सावधान रहने की जरूरत है। आगरा जोन द्वारा चलाये गये साइबर जागरुकता कैम्पेन की तरह यूपी के अन्य जोन भी कैम्पेन चलाए जाएं, जिससे पुलिस कर्मियों साइबर अपराधियों से निपटने की ट्रैनिंग मिल सके।
आगरा में 862 पुलिस कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
आगरा जोन में 12 सेशनों में साइबर क्राइम के विभिन्न विषयों ( एटीएम क्लोनिंग, फिशिंग, मालवेयर, पोर्नोग्राफी आदि) पर पुलिस कर्मियों को जानकारी दी गई। इसमें 862 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया था। अब ऐसे ही प्रदेश के हर जोन में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 50 हजार शिकायतें
यूपी में हर साल करीब 11 हजार मुकदमें दर्ज हो रहे हैं। वहीं नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 50 हजार शिकायतें दर्ज हो रही हैं। जो हर साल बढ़ रहे हैं। प्रदेश में वर्ष 2019 में 10341, वर्ष 2020 में 11772 व वर्ष 2021 में अब तक 5077 साइबर अपराध की एफआईआर दर्ज हुई हैं।
साइबर थानों पर दर्ज हुए 256 एफआईआर, 6 करोड़ रुपये की हुई वापसी
प्रदेश में 2020 में 16 रेंज में बने साइबर थानों में 256 साइबर अपराध की एफआईआर दर्ज की गईं। जिसके आधार पर पुलिस टीम ने 400 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया वहीं पीड़ितों के खातों से निकले करीब 6 करोड रुपये की वापसी कराई गई।