(www.arya-tv.com) लखनऊ कोर्ट में संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा के हत्यारोपी विजय का साथी कौन था? कोर्ट में वह कहां तक साथ आया? इसका जवाब तलाशने के लिए पुलिस ने 150 सीसीटीवी की जांच की। लेकिन, एक भी सीसीटीवी में वह नजर नहीं आया। शुरुआत में हत्यारोपी विजय ने पुलिस को बताया था कि उसका कोई साथी भी था, जिसे वह पहचानता नहीं है।
हत्याकांड के 4 दिन बीत जाने क बाद भी पुलिस और SIT वहीं खड़ी है, जहां से जांच शुरू की थी। यानी, हत्याकांड का मास्टरमाइंड कौन है? इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। सिर्फ यही नहीं, शुरुआती पूछताछ में हत्यारोपी विजय उर्फ आनंद यादव ने नेपाल के माफिया अशरफ के द्वारा जीवा की हत्या के लिए सुपारी देने की बात कही थी।
वजह पूछने पर बताया था कि अशरफ का भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है। वहां जीवा ने उसकी दाढ़ी नोंच ली थी। बेइज्जती की थी। हालांकि, पुलिस ने जब वैरिफाई किया तो लखनऊ जेल में अतीफ नाम के 4 शख्स बंद हैं। इनमें दो अतीफ कानपुर से आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने में पकड़े गए थे। एक अतीफ उर्फ कुणाल चौधरी महाराष्ट्र और चौथा अतीफ गाजीपुर जिले का है। लेकिन किसी के भाई का नाम अशरफ या असलम नहीं निकला।
जेल अस्पताल में भर्ती है विजय, पूछताछ नहीं हो सकी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की एक टीम हत्यारोपी विजय से जेल में पूछताछ करने जाने वाली थी, लेकिन उसके जेल अस्पताल में होने के चलते पूछताछ नहीं कर सकी। शनिवार को कोर्ट में पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी डालने वाली थी, लेकिन छुट्टी होने के चलते अब सोमवार को रिमांड के लिए अर्जी देगी।
जीवा से मिलने वालों पर भी पुलिस की नजर
पुलिस इस ब्लाइंड केस का खुलासा करने के लिए हर एंगल पर काम कर रही है। एक तरफ जहां विजय की कुंडली और एक-एक बयान की जांच की जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ जीवा की क्राइम कुंडली को भी खंगालना शुरू कर दिया है। ताकि, वहां से भी खुलासे के लिए कुछ लीड मिल सकें।
जीवा, मैनपुरी और लखनऊ जेल में बंद रहा है। ऐसे में पुलिस जेल में उससे मिलने वालों की लिस्ट भी तैयार कर रही है। एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि जीवा की हत्या का कनेक्शन निश्चित तौर पर सीधा उससे जुड़ा है। इसलिए, हाल-फिलहाल में उससे किस-किसने मुलाकात की। उस मुलाकात की वजह क्या थी? क्या उसके गैंग में भी किसी तरह की वर्चस्व की जंग चल रही थी? एक पुलिस टीम इन सवालों का पता लगा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि पिछले दिनों सुल्तानपुर, अयोध्या और जौनपुर से कुछ चुनिंदा लोग हैं, जो लगातार जीवा से मुलाकत करते थे। यह लोग मैनपुरी और लखनऊ जेल दोनों जगह पर उससे मिलने के लिए आते थे। ऐसे में हत्या के तार क्या सुल्तानपुर, अयोध्या और जौनपुर से जुड़े हैं। इस एंगल को भी पुलिस खंगाल रही है।
सिर्फ एक फुटेज में विजय यादव अकेले दिखा
पुरानी हाईकोर्ट बिल्डिंग के आसपास एक किलोमीटर परिधि में लगे 150 कैमरों की फुटेज 4 दिनों में पुलिस खंगाल चुकी है। लेकिन अभी तक हत्यारोपी का साथी नहीं दिखा। सिर्फ कैसरबाग बस अड्डे के पास एक फुटेज में ही विजय यादव अकेले दिखा था।
शनिवार को करीब 50 कैमरे पुलिस टीम ने खंगाले। इसमें भी पुलिस टीम को सफलता नहीं मिली। इसके साथ टीम उसकी फोटो लेकर भी आसपास के दुकानों और स्टैंड संचालकों को दिखाया, लेकिन विजय को कोई पहचान नहीं पाया।
SIT ने लिए लोगों के बयान, जानी हकीकत
SIT के अध्यक्ष मोहित अग्रवाल समेत टीम के सदस्य शनिवार को पूरे दिन लोगों के बयान लेने में जुटे रहे। टीम ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय में घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात नौ पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किए। जिसमें सभी ने एक ही बात दोहराई कि पहले उन्होंने हत्यारोपी विजय को पकड़ा, उसके बाद वकीलों ने उसकी पिटाई कर दी।