देश में पीपीपी मोड पर ट्रिपल आइटी की स्थापना

Education

भागलपुर (www.arya-tv.com)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सोच का यह परिणाम है। जिसकी प्रेरणा से देश में  नए क्रांति की शुरुआत है। भागलपुर ट्रिपल आइटी का निर्माण कार्य तीन साल में पूरा हो जाएगा। इसका पहला बैच संस्थान का दर्पण होगा। यही छात्र विश्व में ट्रिपल आइटी के ब्रांड के रूप में उभर कर सामने आएंगे। उक्‍त  बातें केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को ट्रिपल आइटी के नए भवन के शिलान्यास के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहीं।

 उन्होंने कहा कि ट्रिपल आइटी भागलपुर ने कोरोना के कालखंड में वैश्विक महामारी कोरोना जांच के लिए एक उन्नत सॉफ्टवेयर तैयार किया। इससे यह साफ जाहिर होता है कि इस संस्प‍थान का विजन और मिशन कितना व्यापक  है। यहां के मेधावी छात्रों में भी विजन है। वे हर चुनौती और संकट का सामना कर सकते हैं। यहां के छात्रों को इस सोच के साथ आगे बढऩे की जरूरत है कि यह वही बिहार की धरती है, जहां विक्रमशिला, नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय ने पूरे विश्व को शिक्षा दिया था। उसी तरह ट्रिपल आइटी की स्थापना की गई है। हमें एक योद्धा की तरह पूरी क्षमताओं का विकास करना है।

शिलान्यास कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के निदेशक डॉ. अरविंद चौबे और प्रभारी कुलसचिव डॉ. गौरव द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके पूर्व निदेशक ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ट्रिपल आइटी के नए भवन की आधारशिला रखी। निदेशक ने अपने भाषण के दौरान केंद्रीय मंत्रियों का स्वागत किया। बिहार के शिक्षा सह विज्ञान और प्रोद्योगिकी और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी कार्यक्रम में अपना वीडियो संदेश दिया।

मंच संचालन अभिलाषा भारती ने किया। कार्यक्रम के  दौरान संस्थान के सभी फैकल्टी के अलावा बीसीई प्राचार्य डॉ. निर्मल कुमार, पीआरओ डॉ. धीरज कुमार समेत अन्य मौजूद थे। कार्यक्रम में तकनीकी कारणों से विशिष्ट अतिथि अमित खरे, संतोष कुमार मल्ल, लोकेश कुमार आदि नहीं जुड़ पाए। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।  

50 एकड़ में ट्रिपल आइटी के कैंपस का करीब 122 करोड़ रुपये से पहले चरण में निर्माण होगा। जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एकेडमिक और प्रशासनिक ब्लॉक के भवन तैयार होंगे। जिसमें प्रयोगशाला के अलावा हॉस्टल, कक्षा, खेल का मैदान आदि शामिल है।