फिल्में 2 नाम एक, पहली में दिखी महमूद-राज कपूर की जोड़ी, दूसरी से राजेश खन्ना हुए थे आउट

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(www.arya-tv.com)सिनेमा जगत में अब तक कई ऐसी कई फिल्में बनाई जा चुकी हैं जिनके नाम एक जैसे है. मेकर्स पर इन एक नाम वाली फिल्मों से नोटों की बारीश भी खूब हुई है. अब तक कितनी ऐसी फिल्में रिलीज हो चुकी हैं जिनके नाम भले ही एक जैसे है लेकिन कहानियां और स्टारकास्ट पूरी तरह अलग है. साल 1958 और 1977 में भी एक ही नाम से बनी दो ऐसी फिल्मों ने सिनेमाघरों में दस्तक दी जिनमें से एक हिट रही और दूसरी ने कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़े थे.

नई दिल्ली. आपने अब तक कई बार देखा होगा कि एक ही नाम से दो या कई बार 4 फिल्में भी बॉलीवुड में बनाई जा चुकी हैं. आज हम आपको ऐसी 2 फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बीच 19 साल का अंतर है. एक ही नाम से बनी इन दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाई. दूसरी से तो पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले राजेश खन्ना को ही बाहर का रास्ता दिखाया गया था.

परवरिश नाम से बनी एस. बनर्जी के निर्देशन और महीपतराय शाह द्वारा निर्मित फिल्म 1958 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. फिल्म की कहानी एस.एम. द्वारा लिखी गई. अब्बास, आनंद, राम कुमार और सगीर उस्मानी. इस फिल्म में राज कपूर, महमूद और माला सिन्हा अहम भूमिकाओं में नजर आए थे. फिल्म ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और अपना कुल बजट निकालने में भी कामयाब हुई.साल 1958 में रिलीज हुई ये सातवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी. फिल्म की कहानी शुरू होती है ललिता पवार के बेटे के जन्म से जहां अस्पताल में आग लग जाने से दो बच्चों को एक साथ मिला दिया जाता है. हालांकि सब कुछ ठीक होने के बाद जब ठाकुर साहब अपना बच्चा पहचान नहीं पाते तो दोनों ही बच्चों को अपने घर ले जाते है. दोनों बड़े होकर महमूद और राज कपूर बनते हैं. इस अनोखी कहानी ने सभी का दिल जीत लिया था.

इसी नाम से 19 साल बाद साल 1977 में रिलीज हुई ‘परवरिश’ में विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन नजर आए थे. इस फिल्म की खास बात ये भी थी कि इसी फिल्म से इडंस्ट्री को सुपरहिट डायरेक्टर-एक्टर मनमोहन देसाई और अमिताभ बच्चन की जोड़ी मिली थी. मनमोहन देसाई के निर्देशन में बनी इस फिल्म के इन दोनों ने ही एक के बाद एक कई ब्लॉकबस्टर हिट फिल्मों से बॉक्स ऑफिस को हिला कर रखा दिया था. इस फिल्म में ही शबाना आजमी की निर्देशक के साथ कहा सुनी हो गई थी. जिसके बाद मनमोहन ने उनके साथ दोबारा काम न करने की ठान ली थी.

साल 1977 में रिलीज हुई इस फिल्म से मेकर्स पर खूब नोटों की बारीश हुई थी. फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई. ये इस साल की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी. इस फिल्म में विनोद खन्ना वाला किरदार पहले राजेश खन्ना को ऑफर किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक वह डाकू मंगल सिंह (अमजद खान) के बेटे अमित सिंह की भूमिका निभाना चाहते थे. ऐसे में मन मोहन देसाई ने उन्हें फिल्म से बाहर कर दिया था. इस फिल्म की एक खास बात ये भी थी कि सभी किरदारों के नाम उनके असली नाम पर ही रखे गए थे.