एक स्वस्थ घर के साथ करें नए साल में प्रवेश

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(www.arya-tv.com) हर बार नए साल की शुरुआत में हम सभी कुछ नए संकल्प करते ही हैं, जैसे ताजा और स्वस्थ खान-पान रखना, शारीरिक रूप से सक्रिय जीवन शैली का पालन करना और नींद संबंधी अनुशासित आदतों का पालन करना, इत्यादि। इसी तरह, हममें से कुछ लोगों ने आने वाले साल में अपने और अपने परिवार के लिए एक नया घर बनाने पर भी विचार किया होगा। अपना एक घर खरीदना किसी भी व्यक्ति की सबसे बडी महत्वाकांक्षा होती है और यही निवेश संबंधी सबसे बड़ा निर्णय भी है।

कोई भी घर बेजान ईंटों और कंक्रीट से बना एक आश्रय मात्र नहीं है, बल्कि यह एक व्यक्ति और उसके परिवार के लिए रोजमर्रा की जिंदगी का एक अत्यधिक भावनात्मक हिस्सा है। डाॅ संजय बहादूर, जागतिक मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कन्स्ट्रक्शन केमिकल्स ( डाॅ फिक्सिट) , पिडिलाइट इंडस्ट्रीज बता रहे है कुछ खास टिप्स मौजूदा दौर में घरों को विभिन्न प्रकार के ऐसे खतरों का सामना करना पड़ता है जो इसकी संरचना को कमजोर करते हैं – आंतरिक और बाह्य दोनों, जिससे घर की उम्र भी कम हो जाती है।

नवनिर्मित घरों में सबसे बड़ा खतरा पानी की निकासी और अत्यधिक गर्मी से संबंधित है। वर्षों तक पानी के रिसाव और इससे जुडे मुद्दों के कारण दरार, नमी, फफूंदी और संक्षारण की समस्या उत्पन्न होती है। जैसी कि कहावत भी है कि वक्त पर उठाया गया एक सही कदम बाद की तमाम मुश्किलों से बचाता है। इसी तरह गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग और विशेषज्ञ कारीगरी माध्यम से वॉटरप्रूफिंग जैसे कदम उठाना बाद की समस्याओं से निजात दिला सकता है। नए गृहस्वामियों को अपने नवनिर्मित घरों के लिए इन सभी मुद्दों पर ध्यान देते हुए वॉटरप्रूफिंग और अन्य सक्रिय उपायों को अपनाना चाहिए।

जबकि केवल कुछ ही नए घरों में बुनियादी जलरोधक प्रक्रिया को अपनाया जाता है, और कुछ मामलों में तो यह केवल छतों तक ही सीमित रहता है। इसलिए यह पक्का करना आवश्यक है कि सभी वाटर एंट्री पॉइंट्स या क्षेत्रों में उचित वॉटरप्रूफिंग शुरू की जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी का घर ‘5-पॉइंट लीक-फ्री होम’ बन जाए। 5-पॉइंट लीक-फ्री होम वॉटरप्रूफ का मतलब है कि वॉटरप्रूफिंग केवल छत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अंदरूनी गीले क्षेत्रों (बाथरूम, रसोई और बालकनी), बाहरी दीवारें, कंक्रीट के पानी के टैंक और जमीन के नीचे के क्षेत्रों को भी कवर करती है।

परंपरागत रूप से वॉटरप्रूफिंग को एक उपचारात्मक उपाय माना जाता है, जिसका निर्णय केवल तक किया जाता है जब घर में कहीं रिसाव दिखाई देने लगे और ज्यादातर नए घर के मालिक रासायनिक वॉटरप्रूफिंग की आवश्यकता पर भी सवाल उठाते हैं और विशेष रूप से ऐसे समय में जब उनके घर का निर्माण किया जा रहा हो। इसलिए, यह बताना उचित होगा कि हाल के वर्षों में आवास निर्माण में बड़े पैमाने पर रेत, ईंटों जैसे कच्चे माल की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है। इसके साथ ही, मौसम और जलवायु संबंधी परिवर्तन के परिणामस्वरूप निर्माण पर असर पडता ही है।

इन कारणों से ब्रिकबाट- कोबा जैसी पारंपरिक वॉटरप्रूफिंग विधियों की संरचनात्मक दक्षता कम हो गई है। निर्माण कार्यों के दौरान यह समझना महत्वपूर्ण है कि विभिन्न सतहों को अलग-अलग प्रकार की चुनौतियों का सामना करना होता है। इसलिए इन सतहों में से प्रत्येक के लिए समाधान भी अपनी श्रेणी में सर्वोत्तम और ऐसा होना चाहिए, जिसमें सही तरह की वॉटरप्रूफिंग का इस्तेमाल किया गया हो। घर तभी पूरी तरह से संरक्षित हो सकेगा, जब सभी पांच संभावित जल प्रवेश क्षेत्र ठीक से जलरोधी बनाए गए हों। ये पाँच सतहें महत्वपूर्ण हैं और यहाँ इसके कुछ कारण दिए गए हैंः

1. जमीन के नीचे – जमीन का पानी समय के साथ ऊपर उठता है और आपके घर में प्रवेश करता है, आंतरिक दीवारों को नुकसान पहुंचाता है।

2. अंदरूनी गीले क्षेत्र (बाथरूम, रसोई और बालकनियां) – ये क्षेत्र लगातार 365 दिन पानी के संपर्क में रहते हैं, जिससे आंतरिक दीवारों पर रंग छूटने लगता है या पपडी देने लगता है।

3. छत – तापमान में बदलाव और लगातार इस्तेमाल के बाद छत की सतह पर दरारें पैदा होने लगती हैं, जिससे आपकी सुंदर छत पानी के रिसाव और नमी का कारण बन सकती है।

4. कंक्रीट के पानी के टैंक – दरारें बनने के कारण पानी के ये टैंक रिसाव के लिहाज से अतिसंवेदनशील होते हैं। इसलिए इस क्षेत्र को सही ढंग से जलरोधी बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।

5. बाहरी दीवारें – तापमान में बदलाव के कारण बाहरी दीवारों में दरारें पड़ जाती हैं, जिससे पैच खराब हो जाते हैं और इस कारण आपके घर का समग्र रूप बिगड़ जाता है।

‘‘5 पॉइंट वॉटरप्रूफिंग‘‘ के बिना लिया गया कोई भी निर्माण, पानी के प्रवेश के कारण आपके घर को संरचनात्मक रूप से नुकसान पहुंचाएगा। इन नुकसानों की मरम्मत अक्सर महंगी और समय लेने वाली होती है। इसके अलावा, यह एक घर की लुकिंग को भी बिगाडता है और इसकी री-सेल वैल्यू को भी कम करता है।

दूसरी तरफ, गहराई से की गई वॉटरप्रूफिंग प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि भविष्य में आपके घर को कोई बडा नुकसान नहीं हो और घर का मूल्यांकन भी ज्यों का त्यों कायम रहे। यह नए घरों के मामले में विशेष रूप से सच है और इसलिए निर्माण की प्रक्रिया के दौरान ही व्यापक स्तर पर रासायनिक वॉटरप्रूफिंग किया जाना चाहिए, ताकि आने वाले कई वर्षों तक अपने आशियाने को रिसाव मुक्त और सुंदर बनाया रखा जा सके।