यूपी में बिजली निजीकरण को लेकर विद्युत उपभोक्ता परिषद का बड़ा खुलासा

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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश में बिजली निजीकरण को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. परिषद ने आरोप लगाया है कि 42 जनपदों में बिजली निजीकरण का मसौदा तैयार करने के लिए नियुक्त कंसल्टेंट कंपनी ग्रांट थॉर्नटन भारत ने टेंडर प्रक्रिया के दौरान एक झूठा शपथ पत्र दाखिल किया है.

इस शपथ पत्र में कंपनी ने दावा किया था कि पिछले तीन वर्षों में उसके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई या पेनल्टी नहीं हुई है. जबकि अमेरिका की पब्लिक कंपनी अकाउंटिंग ओवरसाइट बोर्ड (PCAOB) ने फरवरी 2024 में कंपनी पर 40000 डॉलर की पेनल्टी लगाई थी.

यह खुलासा सामने आते ही पावर कारपोरेशन में हड़कंप मच गया है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इस मुद्दे पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन और टेंडर मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग से बात कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि ग्रांट थॉर्नटन के खिलाफ ब्लैक लिस्टिंग, टेंडर निरस्तीकरण और झूठा शपथ पत्र देने पर विधिक कार्यवाही की जानी चाहिए.

बिजली निजीकरण की आड़ में बड़े स्तर पर हो रहा भ्रष्टाचार 

परिषद ने यह भी मांग की है कि 12 अप्रैल को होटल ताज में ग्रांट थॉर्नटन की देखरेख में प्रस्तावित उद्योगपतियों की बैठक को तत्काल रद्द किया जाए. परिषद का कहना है कि बिजली निजीकरण की आड़ में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसमें पावर कारपोरेशन के कुछ उच्च अधिकारी भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेगा विद्युत उपभोक्ता परिषद

अवधेश वर्मा ने कहा कि जिस तरह से संविधान और नियमों की अवहेलना कर ग्रांट थॉर्नटन को टेंडर दिया गया वह गंभीर मामला है. परिषद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जल्द मुलाकात कर इस पूरे मामले की जानकारी उन्हें देगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेगा.