नई दिल्ली।(www.arya-tv.com) हाथरस कांड में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की संलिप्तता को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की लखनऊ यूनिट ने चार्जशीट दाखिल की है. इसमें पीएफआई के सदस्यों पर मनी लांड्रिंग के मामले में अहम खुलासा हुआ है.
बता दें कि इस मामले में पीएफआई के सदस्य मुख्य आरोपी को ईडी (ED) ने विदेश भगाने की फिराक से एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. चार्जशीट के मुताबिक पिछले कई साल में पीएफआई और उसकी कई विंग्स को 100 करोड़ रूपये की विदेशी फंडिग हुई है. यह तमाम पैसा खाड़ी के देशों से गुड्स ट्रेड बिजनेस के नाम भारत पहुंचाया गया.
जहां इन पैसों का इस्तेमाल एंटी CAA प्रदर्शन के अलावा फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा में किया गया. चार्जशीट के मुताबिक पीएफआई के लोगों को सबसे ज्यादा फंडिग लॉकडाउन के दौरान हुई.
मास्क के बिजनेस के नाम पर यह पैसा भारत आया जिसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया गया. ईडी को जांच में कई बैंक खाते मिले जिनमें फंड ट्रांसफर किया गया था. जांच में रऊफ शरीफ सबसे बड़ा मास्टरमाइंड साबित हुआ है. बता दें कि रउफ शरीफ पीएफआई के स्टूडेंट विंग सीएफआई (CFI) का जनरल सेक्रेटरी है.
वो केरल के कोच्चि की जेल में बंद था. पिछले साल मथुरा में उसपर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया था. मथुरा जाते समय पीएफआई के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.
पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया था कि उनकी हाथरस में दंगा फैलाने की साजिश थी. एसटीएफ रउफ शरीफ से हाथरस में दंगे वाली साजिश और फंडिंग के बारे में पूछताछ कर चुकी है. ईडी ने रउफ शरीफ को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार किया था जब वो विदेश भागने की फिराक में था.
चार्जशीट में बताया गया है कि वर्ष 2013 में केरल पुलिस ने जब एक बिल्डिंग में सर्च वारंट के साथ रेड किया तो वहां बम बनाने का समान बरामद हुआ था. चार्जशीट के मुताबिक यहां आतंकी कैंप ऑपरेट किया जा रहा था. यह बिल्डिंग पीएफआई के ही एक सदस्य की थी जहां से एनआईए ने 22 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था, चार्जशीट में इसका भी जिक्र किया गया है.
बेंगलुरु में वर्ष 2020 मे हुई हिंसा में भी पीएफआई का रोल सामने आ चुका है. रऊफ शरीफ ने पूछताछ में यह कबूल किया था कि वो दो मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहा था पर वो उसके नाम पर रजिस्टर नहीं थे. रऊफ शरीफ को किस तरह धड़ल्ले से विदेशी फंड मिला उसके सबूत भी चार्जशीट में हैं. उसे कुल लगभग एक करोड़ 36 लाख रुपये ट्रांसफर किये गए थे.
रऊफ शरीफ का खास नोफाल शरीफ पीएफआई और सीएफआई का एक्टिव मेंबर है जो विदेश में बैठकर लगातार रऊफ शरीफ को फंड ट्रांसफर कर रहा था ताकि इससे न केवल हाथरस कांड में हिंसा फैलाई जाए बल्कि देश के अमन-चैन को भी खराब किया जाए.