(www.arya-tv.com) एमपी पुलिस (MP Police) में SDPO के पद पर तैनात अधिकारी ने ट्रांसफर के बाद अचानक इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद से वह पुलिस अधिकारी (Police Officer) चर्चा में बने हुए हैं. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं कि कैसे एक फिजियोथेरेपिस्ट से DSP बनने तक का सफर तय किया है. मध्य प्रदेश के नीमच जिले के मनासा SDPO यशस्वी शिंदे ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके लिए उन्होंने पुलिस मुख्यालय (भोपाल) और पुलिस महानिरीक्षक (IG), उज्जैन को पत्र लिखकर सूचना दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिंदे के इस्तीफे का लेटर सोशल मीडिया साइट पर भी वायरल हो गया, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को भोपाल पुलिस विभाग द्वारा जारी ट्रांसफर लिस्ट से पता चला है कि SDPO यशस्वी शिंदे को मनासा SDPO ऑफिस से नीमच अजाक में DSP के पद पर ट्रांसफर किया गया है. जिले में इस तरह के पहले मामले सामने आया है कि कोई राजपत्रित अधिकारी अपने पद से ही इस्तीफा देकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है.
फिजियोथेरेपिस्ट से बनीं DSP: SDPO यशस्वी शिंदे वर्ष 2018 की PPS Officer हैं. वह पुलिस विभाग ज्वाइन करने से पहले एक फिजियोथेरेपिस्ट के तौर पर काम कर रही थी. शिंदे मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की रहने वाली हैं. उनका पुलिस विभाग का यह सफर एक घटना के साथ शुरू होता है.वह बताती हैं कि बात वर्ष 2013 की है जब एक ट्रेनी IPS Officer मेरे पास आए. उनकी हाथ की अंगुली में कुछ समस्या थी. वह कई जगहों पर दिखाया लेकिन ठीक नहीं हुआ. इसके बाद एक माह तक फिजियोथेरेपी कराया और उनकी अंगुली ठीक हो गई
अंगुली ठीक होने के बाद उस ट्रेनी IPS Officer ने कहा कि आपको पुलिस विभाग में होना चाहिए. आपकी मेहनत और लगन देखकर लगता है कि आप एक अच्छी पुलिस ऑफिसर बन सकती हैं. शिंदे की 3 साल की लगातार MPPSC की मेहनत के बाद उनका चयन DSP के पद के लिए हो गया.
यशस्वी शिंदे को ओवरऑल परफॉर्मेंस के लिए गृह मंत्री से सम्मनित भी किया गया था.