देशभर में किस कानून को लेकर हड़ताल पर थे ड्राइवर, 5 प्वाइंट में जानिए

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(www.arya-tv.com) ‘हिट एंड रन’ से जुड़े कानून में संशोधन को लेकर देशभर के ड्राइवर विरोध में उतर आए थे। जिसके चलते माल ढुलाई सहित ट्रांसपोर्ट के अन्य काम प्रभावित हो गए थे।

हालांकि, केंद्र सरकार बढ़ते विरोध को समझ गई और उसने कहा कि ‘हिट एंड रन’ से जुड़े मामले को ड्राइवर यूनियन से चर्चा के बाद लागू किया जाएगा। जिसके बाद ड्राइवरों का हड़ताल खत्म हुआ। ऐसे में आइए जानते हैं कि यह कानून क्या है और इसको लेकर ड्राइवर विरोध क्यों कर रहे थे……….

क्या है नया कानून

सेंट्रल गवर्नमेंट ने देश के कई कानून में बदलाव किया है जिससे अब पूरे देश में भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू होगी। इसमें बहुत सारे केसेज में सजा और जुर्माने के प्रोविजन बदल गए हैं, जिसमें हिट एंड रन के केस भी शामिल है।

किस वजह से हड़ताल पर थे ड्राइवर

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) और 106 (2) के मुताबिक हिट एंड रन के केस में गलत ड्राइविंग या लापरवाही की वजह से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर ड्राइवर बिना पुलिस को सूचना दिए मौके से फरार नहीं हो सकता है। अगर वह ऐसा करता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। सजा के साथ उसे 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा।

ड्राइवर को किस बात का है डर?

नए कानून के अनुसार हिट-एंड-रन के मामलों में 10 साल की जेल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। जिसको लेकर ड्राइवर विरोध कर रहे थे। ड्राइवर संगठनों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए इसे ड्राइवरों के हित के खिलाफ बताया।

ड्राइवरों के मुताबिक वे किसी को मारना नहीं चाहते, लेकिन दुर्घटनाएं हो जाती हैं, ऐसे मामलों में लोग ड्राइवरों के खिलाफ हो जाते हैं। यदि ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद घटनास्थल पर रहेंगे तो वहां मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। ऐसे बहुत सारे मामले हमारे सामने पहले भी आ चुके हैं।

हड़ताल और विरोध में क्या कह रहे थे ड्राइवर

इस कानून का विरोध करते हुए ड्राइवरों ने हड़ताल की थी। इससे कई पेट्रोल पंप बंद हो गए थे क्योंकि वे डीलरों को अपने टैंकर भरने नहीं दे रहे थे। वहीं देश के कई हिस्सों में यात्री बसों के ड्राइवरों ने ‘हिट-एंड-रन’ केसेज से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद कर दिया था।

जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण पेट्रोल-डीजल की सप्लाई भी प्रभावित होने के डर से शहरों में पेट्रोल पंप के सामने लंबी-लंबी लाइन लग गईं थीं।

क्या थी ड्राइवरों की मांग

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस कोर कमेटी के चेयरपर्सन मलकीत सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य न्यूट्रल और सही सॉल्यूशन खोजने के लिए अधिकारियों के साथ कंस्ट्रक्टिव बातचीत करना है।

फिर सरकार ने बताया कि नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का निर्णय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से बात करने के बाद ही लिया जाएगा।