(www.arya-tv.com) काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में जिंजर पाउडर द्वारा कोरोना वायरस से निजात पाने में सफलता मिली है। इस जिंजर पाउडर को BHU के डॉक्टरों ने सुंठी या अदरक पाउडर बताया है। सूखे अदरक का पॉउडर बनाकर मरीजों को दिया गया था। इस नुस्खे का एक और नाम Z.officinale भी दिया गया है। BHU के डॉक्टरों ने अपने स्टडी में दावा किया है कि कोविड की दूसरी और तीसरी लहर के दौरान अस्पतालों में भर्ती और घर पर आइसोलेट 800 रोगियों पर यह दवा काम कर रही है। रोगियों को 15 दिन तक दवा का सेवन कराया गया। जिसमें उन्हें कोविड से आराम मिल गया।
कोविड की आम दवा भी इतने ही दिन में रिकवरी दे रही थी। मगर, कोविड से पार पाने में अब आयुर्वेद के इस नुस्खे के भी सफल होने का दावा किया जा रहा है। BHU का यह रिसर्च साइंस डायरेक्ट जर्नल और ब्रिटेन के जर्नल ऑफ हर्बल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। इस रिसर्च में IMS-BHU, IIT-BHU और गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय के शोधकर्ता शामिल थे।
इस तरह काम करता है दवा का मैकेनिज्म
डॉ. सुशील दुबे ने कहा कि इस स्टडी में बहु-केंद्रीय, नॉन-रैंडमाइज्ड, ओपन-लेबल, सिंगल-आर्म, प्री-पोस्ट डिज़ाइन का उपयोग किया गया। प्रतिभागियों ने 15 दिनों तक सुंठी पाउडर का चार बार रोजाना सेवन किया। दो बार मौखिक रूप से (2 ग्राम) और दो बार नांक द्वारा (0.5 ग्राम) लिया। उनका 15, 30 और 90 दिनों के बाद अध्ययन किया गया। इसके अलावा, फाइटोकेमिकल विश्लेषण में लिक्विड क्रोमाटोग्राफी को मास स्पेक्ट्रोमेट्री (LC-MS) के साथ जोड़कर किया गया। नतीजों से यह पता चला कि अदरक में वे फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो कोविड के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं।
ये है रिसर्चरों की टीम
स्टडी करने वाली टीम में आयुर्वेद के सुशील कुमार दुबे, IMS-BHU के ENT स्पेशलिष्ट डॉ. विश्वंभर सिंह, डॉ. यामिनी भूषण त्रिपाठी, डॉ. रामेश्वर नाथ चौरसिया, डॉ. परमेश्वरप्पा एस ब्याडगी, डॉ. नम्रता जोशी, डॉ. तेज बाली सिंह, अमित कुमार, अनामिका यादव, डॉ. राजीव मिश्रा, ऐश्वर्या जायसवाल, डॉ. सुनील कुमार मिश्रा और गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय से डॉ. हितेश जानी शामिल थे।