बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश मिश्र बर्खास्त: फर्जी जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई

# ## Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com)  प्रयागराज में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश मिश्र को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। राजरूपपुर बाल गृह में यौन शोषण की शिकायत के मामले में डीएम की जांच रिपोर्ट में उन्हें इस मामले की बिना जांच के और तथ्यविहीन जांच रिपोर्ट देने का दोषी पाया गया था। इसी के साथ जिला प्रोबेशन अधिकारी ने समिति की बैठकों में उनके शामिल होने पर रोक लगा दी है।

न बालक का मेडिकल कराया और न ही सही तथ्य पेश किए

राजरूपपुर बालगृह में एक बालक की मां ने 18 अगस्त 2022 को यौन शोषण की शिकायत की थी। 21 सितंबर को यह बात मीडिया में प्रकाशित हाे गई और आरोप है कि डॉ. मिश्र ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी। जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज मिश्र का कहना है कि डीएम द्वारा गठित जांच कमेटी में यह बात सामने आई थी कि डॉ. मिश्र ने न तो पीड़ित बालक का मेडिकल कराया और न ही इसकी सही से जांच की। बिना बयान और प्रॉपर पूछताछ और प्रक्रिया को अपनाए जांच रिपोर्ट पेश की दी।

महिला ने उकसावे में आकर की थी शिकायत

डीएम और विभाग द्वारा कराई गई जांच में पता चला कि महिला ने किसी के उकसावे में आकर यौन शोषण की फर्जी शिकायत की थी। डॉ. अखिलेश मिश्रा की जांच रिपोर्ट में राजरूपपुर बालगृह के संचालक को दोषी बताया गया था। बाद में राजरूपपुर बाल गृह के संचालक ने इस जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाया था और डीएम व जिला प्रोबेशन अधिकारी से निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

इसके बाद डीएम की ओर से गठित कमेटी के अलावा जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भी जांच कराई थी। दोनों ही रिपोर्ट में यौन शोषण की शिकायत को निराधार पाया गया था। जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज कुमार मिश्र ने बताया कि बिना सही जांच के बालक से यौन शोषण की बात मीडिया में आने से विभाग और शासन की बदनामी हुई।

शासन ने मांगा था स्पष्टीकरण

डीएम की जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने डॉ. अखिलेश मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डॉ. मिश्र के जवाब से शासन संतुष्ट नहीं हूआ और उन्हें बर्खास्त करने का आदेश दे दिया। डीपीओ पंकज मिश्र ने बताया कि शासन के इस आदेश के क्रम में बाल कल्याण समिति की बैठक में शामिल होने से डॉ. अखिलेश मिश्र को रोक दिया गया है। फिलहाल अभी अध्यक्ष पद का कार्यभार किसी को नहीं सौंपा गया है। डॉ. अखिलेश मिश्र इससे पूर्व कई अखबारों में बतौर रिपोर्टर काम कर चुके हैं।

डॉक्टर अखिलेश मिश्र का कहना है कि मुझे सही जानकारी देने की सजा मिली है। हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के सामने यह मामला लम्बित है।