(www.arya-tv.com) अमेठी में शनिवार की सुबह मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के पूरे जोरई गांव में कब्रिस्तान में शव को दफनाने को लेकर विवाद हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने विवादित कब्रिस्तान में शव दफन न होने का फरमान सुनाया। काफी मशक्कत के बाद असंतुष्ट ग्रामीण शव को अन्यत्र दफनाने को राजी हुए।
बीती रात पूरे जोरई मजरे मोहिउद्दीनपुर गांव निवासी मोहमद कलीम (55) पुत्र मोहम्मद हबीब का निधन हो गया। सुबह परिजन जिस कब्रिस्तान में शव दफनाना चाहते थे उसमें शव दफनाने से कुछ लोगों ने मना कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि जो लोग शव दफनाने से मना कर रहे हैं उनका कब्रिस्तान पर अवैध कब्जा है। जबकि आरोपी मामला न्यायालय में होने की बात कह रहे थे। राजस्व अभिलेख में दर्ज कब्रिस्तान में शव न दफन करने देने से नाराज ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर प्रभारी निरीक्षक अवधेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि एसडीएम ने विवादित कब्रिस्तान में शव दफन करने के लिए मना किया है। लेकिन पुलिस कब्रिस्तान पर काबिज लोगों को इस शर्त पर कलीम के शव को दफनाने देने के लिए सहमत किया कि भविष्य में किसी अन्य शव को वहां दफनाया जाएगा। जिस पर ग्रामीणों का कहना था कि शव कब्रिस्तान में नहीं तो और कहां दफनाया जाएगा। पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझाना बुझाना शुरू किया। लेकिन ग्रामीण इस शर्त को मानने को तैयार नहीं हुए। बाद में असंतुष्ट ग्रामीण मृतक कलीम के शव को घर के पास की बाग में दफनाने पर सहमत हो गए।
पूरे घटनाक्रम के दौरान राजस्व का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। एसओ अवधेश कुमार ने बताया कि समझा बुझाकर ग्रामीणों को शांत कराते हुए अंतिम संस्कार करा दिया गया।