(www.arya-tv.com) लखनऊ में तैनात दरोगा धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ हाल ही में मेरठ में आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ एंटी करप्शन को आय से अधिक संपत्ति के मामले में साक्ष्य मिले है। इसके बाद 20 अप्रैल को मेरठ के मेडिकल थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे धर्मेंद्र कुमार का अलीगढ़ से भी नाता रहा है और वह यहां लोधा थाने में बतौर एसओ तैनात रह चुके हैं। अलीगढ़ में तैनाती के दौरान भी दरोगा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे और ईओडब्ल्यू कानपुर शाखा के इंस्पेक्टर ने अलीगढ़ में उनके खिलाफ लोधा थाने में ही मुकदमा दर्ज कराया गया था।
अलीगढ़ में 2020 में दर्ज हुआ था मुकदमा
दरोगा धर्मेंद्र कुमार वर्ष 2015 में अलीगढ़ में लोधा एसओ के पद पर तैनात थे। उनके खिलाफ अलीगढ़ में 28 अक्टूबर 2020 को मुकदमा दर्ज किया गया था। ईओडब्ल्यू कानपुर ब्रांच के इंस्पेक्टर आरपी सिंह ने एचओ धर्मेंद्र कुमार और एसएसआई सुधीर कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था।
उन पर आरोप था कि 2015 में पंचायत चुनाव के दौरान तत्कालीन एसओ धर्मेंद्र कुमार और एसएसआई सुधीर कुमार ने गांव नदरोई के प्रधान प्रत्याशी के भाई और भतीजे को चुनाव में माहौल बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में लिया था। इसके बाद उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने 80 हजार रुपए लेकर दोनों को रात में छोड़ दिया, लेकिन अगले ही दिन मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसके बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की शिकायत हुई थी। जांच कानपुर ब्रांच के इंस्पेक्टर ने की थी और जांच में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
वर्तमान में लखनऊ में तैनात है दरोगा
मूल रूप से आगरा की नई आबादी भोपाल कुंज निवासी दरोगा धर्मेंद्र कुमार वर्तमान में लखनऊ में तैनात है। वह मेरठ में मेडिकल के शास्त्री नगर में अपने परिवार के साथ रहते है। धर्मेंद्र सिंह ने हस्तिनापुर में थाना अध्यक्ष रहते हुए फार्म हाउस भी बनावाया था। 29 सितंबर 2020 को धर्मेंद्र के फार्म हाउस का खुलासा हुआ था। जिसके बाद शास्त्रीनगर स्थित धर्मेंद्र के फ्लैट में बिजली चोरी भी पकड़ी गई थी। इसका मुकदमा भी बिजली विभाग की तरफ से दर्ज कराया था। हालांकि बिजली के बिलों का भुगतान करने के बाद उस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। इसके बाद धर्मेंद्र सिंह की जांच एंटी करप्शन को दे दी गई थी।