(www.arya-tv.com) वाराणसी में पुलिस का मानवीय और संवेदनशील चेहरा दिखाने वाला एक वीडियो क्लिप सामने आया है। चेतगंज थाना क्षेत्र में तैनात दो सब इंस्पेक्टर शशि प्रताप और अनंत मिश्रा ने एक मजदूर को माउथ-टू-माउथ ब्रीदिंग और CPR देकर जान बचाने की लाख कोशिश की। वहां खड़े कुछ लोगों ने इसे लेकर आपत्ति भी जताई कि मुंह लगाने की जरूरत नहीं। मगर, दोनों इंस्पेक्टर बिना किसी भेदभाव के रेस्क्यू में लगे रहे।करीब ढाई-तीन मिनट तक पुलिस सब इंस्पेक्टर और नाटी इमली चौकी इंचार्ज के प्रभारी शशि प्रताप अपने मुंह से मजदूर के अंदर जान फूंकने की कोशिश करते रहे। ऑक्सीजन देते रहे। दूसरी ओर, सब इंस्पेक्टर और लहुराबीर चौकी इंचार्ज अनंत मिश्रा मजदूर को CPR देते रहे। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि इतना करने से मजदूर में थोड़ी सी जान आई, उसने झटके में रिस्पांस किया। हल्की हरकत देख, कुछ लोगों ने वीडियोग्राफी छोड़कर, पुलिस वालों के साथ उसे तत्काल एंबुलेंस में डाला और अस्पताल लेकर भागने लगे। दो किलोमीटर दूर कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचते ही मजदूर फिर से अचेत हो गया। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
जान भले न बची हो, मगर पुलिस की हो रही प्रशंसा
मजदूर की जान भले न बच सकी हो, मगर पुलिस के इस मानवीयता की काफी तारीफ हो रही है। लोग इस वीडियो को खूब शेयर कर रहे हैं। लोगों ने कहा कि बिना किसी भेदभाव के वे मजदूर की जान लौटाने में लगे रहे। कुछ मिनट के लिए तो वे कामयाब भी हो गए, जब उसे होश आया। सब इंस्पेक्टर शशि प्रताप सिंह ने कहा कि मजदूर का हार्ट रिस्पांस नहीं कर रहा था। उसे फेफड़े आदि में काफी चोट आ गई थी। मुंह से ऑक्सीजन देने का प्रयास किया गया, लेकिन अफसोस कि उसे बचा नहीं सके।
मलबे में बहुत तरह जख्मी हो गए थे मजदूर
वाराणसी के चेतगंज स्थित बाग बरियार सिंह में निर्माणाधीन जर्जर मकान गिरने से एक मजदूर विजय की मौत हो गई। वहीं, एक घायल हो गया था। चेतगंज पुलिस के द्वारा दोनों मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला गया। एक मजदूर की हालत ठीक थी। मगर, दूसरा मजदूर विजय को मलबे से बाहर निकाला गया, तो लगा कि उसकी जान बच सकती है। चेतगंज थाने के SI शशि प्रताप और अनंत मिश्रा ने मजदूर को पहले उलटा लेटाकर पीठ पर तेज-तेज मारा। इसके बाद सीधा करके उसे मुंह से हवा देने लगे। वहीं, उसके सीने पर हाथ से दबाव देकर CPR देते रहे।
IMS-BHU के कार्डियोलॉजिस्ट बोले- मिलता है 2 मिनट का रेस्क्यू टाइम
IMS-BHU के कार्डियोलॉजिस्ट प्रो. ओमशंकर ने कहा कि कार्डियक अरेस्ट जब आता है तो तत्काल मौत नहीं होती। हर कार्डियक अरेस्ट में रेस्क्यू के लिए 2-5 मिनट का वक्त मिलता है। आप उतने देर में अस्पताल तो नहीं पहुंच सकते, इसलिए बेहतर होगा कि उसे घर पर ही CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दें। हार्ट अरेस्ट के महज 2 से 3 मिनट के अंदर इस प्रक्रिया को शुरू कर दें। इसमें चेस्ट को कंप्रेश और माउथ टू माउथ ब्रीदिंग करते हैं। जब मरीज की सांसे चलने लगे तो उसे अस्पताल लेकर पहुंचे।