(www.arya-tv.com) प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में गर्भवती महिलाओं को अब बिना डोनर ब्लड उपलब्ध कराया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए।
गुरुवार को ब्लड बैंक प्रभारियों के साथ बैठक कर रहे डिप्टी सीएम ने इसको लेकर किसी तरह की लापरवाही न बरतने की बात कही हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गर्भवती महिलाओं के परिजन पर ब्लड डोनेशन का दबाव न डाला जाए।
फ्री में मुहैया कराए ब्लड
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के फ्री इलाज की सुविधा है। OPD में डॉक्टर की सलाह, जांच और प्रसव की सुविधा भी निशुल्क है। बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी पाई जाती है। महिलाएं शुरूआत से सेहत पर ध्यान दें तो उन्हें रक्त चढ़ाने से बचाया जा सकता है। इसके बावजूद यदि गर्भवती महिलाओं को रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं को मुफ्त ब्लड देने के मामले में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
जांच का बजट जारी
NHM यानी नेशनल हेल्थ मिशन की तरफ से गर्भवती महिलाओं की सामान्य जांच के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। वहीं पीएमएसएमए में 3.93 करोड़ रुपये का बजट गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच के लिए जारी किया गया है। जननी सुरक्षा योजना के तहत 90 फीसदी धनराशि जिलों को जारी कर दी गई है।
मां- बच्चे की जान बचाना प्राथमिकता
ब्रजेश पाठक ने कहां कि मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है। महिला जिला चिकित्सालयों से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जाँच की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को चिकित्सालय 102 एम्बुलेंस सेवा से मुफ्त पहुंचाया जा रहा है। प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा को घर तक छोड़ने का प्रबंध किया गया है। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाये। गर्भवती महिलाओं को टिटनेस के दो टीके जरूर लगवाए।