प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की वर्तमान स्थिति, उनकी गुणवत्ता, उपलब्ध संसाधनों और जनता को मिलने वाली सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की उपलब्धता, डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति, साफ-सफाई और आपातकालीन सेवाओं की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी जन शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाए तथा टेली-मेडिसिन, ई-हॉस्पिटल सेवाओं और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स को सुदृढ़ किया जाए ताकि ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं पहुंच सकें। उन्होंने विशेष रूप से मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण कार्यक्रमों, एनसीडी (गैर-संचारी रोग) नियंत्रण और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रगति की भी समीक्षा की तथा संबंधित विभागों को इन क्षेत्रों में और प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अक्टूबर माह में चलाए जाने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए नियमित मॉनिटरिंग किया जाए, नियमित हो रहे कार्यों की डे टू डे रिपोर्ट सबमिट की जाय।
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अस्पतालों में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक रोगी को समय पर इलाज, दवा और जरूरी परीक्षणों की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध हो। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे नियमित फील्ड विज़िट करें और ज़मीनी हकीकत को समझकर नीतिगत निर्णय लें, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में ठोस सुधार हो सके।
इस समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य अमित घोष, सचिव स्वास्थ्य श्रीमती ऋतु महेश्वरी, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) श्रीमती पिंकी जोवेल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।