काले हीरे के काले कारोबार से विभाग बेखबर

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दमोह।(www.arya-tv.com) जिले के विभिन्न वनरिक्षेत्रों से लगातार अवैध खनन और कीमती पेड़ों की कटाई के मामले सामने आते रहते हैं पर वन विभाग के अधिकारी इस अवैध कारोबार को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही एक बड़ा मामला सिग्रामपुर और सेलवाड़ा वनक्षेत्र का सामने आया है बताया जा रहा है कि वन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय से कुछ ही दूरी पर जिले के सिग्रामपुर और सेलवाड़ा के मध्य जिसे कटंगी सर्किल के नाम से जाना जाता है।

यहां के ग्राम ताला, रिमझिर और मेहगुंवा के मध्य स्थित घटिया व नाले के पास सैंकड़ों एकड़ वनभूमि के पेड़ो को काटकर न सिर्फ पत्थरों क घेरा बनाकर इनके मध्य कटे पेड़ों को रखकर जलाया जा रहा है और कोयला बना कर आसपास और अन्य जिलों में बेचने के लिये भेजा जा रहा है।

यहां पर अवैध खनन कर पत्थर भी निकाले जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस सर्किल में कई एकड़ वनभूमि के सैंकड़ों पेड़ों को काटकर प्रतिवर्ष कोयला बनाया जाता है जिसमें विशेष रूप से ग्राम ताला व अन्य गांव के लोगों की मिलीभगत होती है। पहाड़ी क्षेत्र और जंगल होने के कारण लोग घाटी से टोली बनाकर पैदल आते हैं और यहां से लोगों को शामिल कर कटे पेड़ों का भट्टा लगाकर कोयला बनाते हैं और महंगे दामों पर बेचते हैं।

काले हीरे के नाम से जाना जाने वाले कोयले का यह काला कारोबार अक्टूबर माह से प्रारंभ होकर फरवरी तक चलता है, इस कारण यहां भिरा और साज प्रजाति के पेड़ों को बहुत नुकसान हुआ है।