(www.arya-tv.com) प्रयागराज में डेंगू मरीजों के साथ हुई 2 घटनाओं ने दिल को झकझोर दिया है। पहली घटना झलवा के ग्लोबल अस्पताल में हुई, जहां प्रदीप पांडेय को प्लेटलेट्स की जगह मौसमी का जूस चढ़ाने का मामला सामने आया है। दूसरी घटना सेंट जोसफ स्कूल एंड कॉलेज में हुई जहां एक टीचर की क्लास में पढ़ाते हुए मौत हो गई। वह डेंगू से पीड़ित थे। उनकी प्लेटलेट्स 25 हजार से नीचे आ गई थीं। कहा जा रहा है कि वो स्कूल प्रबंधन के दबाव में पढ़ाने के लिए पहुंचे थे।
जुलाई 2022 में ही हुई थी नियुक्ति
प्रयागराज सेंट जोसेफ कॉलेज के शिक्षक अल्फ्रेड सुमित कुजूर गुरुवार को क्लास में पहुंचे और पढ़ाना शुरू किया। पढ़ाते-पढ़ाते अचानक वह लुढ़क गए। बच्चों के सामने की उनकी जान चली गई। 32 वर्षीय अल्फ्रेड सुमित सेंट जोसेफ से ही 2 साल पहले रिटायर हुईं म्योराबाद निवासी हिंदी की शिक्षिका मॉरिस कुजूर के बेटे थे। जुलाई 2022 में ही उनकी नियुक्ति हुई थी।
कोर्स पूरा कराने का दबाव ले आया स्कूल
स्कूल सूत्रों के मुताबिक सुमित पिछले कुछ दिनों से डेंगू से पीड़ित थे। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने उन पर कोर्स पूरा करने का दबाव बनाया। इसी दबाव में सुमित स्कूल चले आए। जबकि उनकी प्लेटलेट्स 25 हजार से भी नीचे आ गई थी। स्कूल सूत्रों के मुताबिक उनकी स्थिति और तबीयत को देखते हुए साथी शिक्षकों ने घर वापस जाने की सलाह दी।
शिक्षकों ने मना किया था क्लास लेने को
उनकी तबीयत इतनी खराब थी कि उनसे खड़े नहीं हुआ जा रहा था। दो शिक्षकों ने उन्हें सहायता देकर किसी तरह से क्लास रूम तक पहुंचाया। इसके बाद बच्चों से अकाउंट्स की किताब खोलने को कहा। बच्चों को अकाउंट्स के टॉपिक समझाते समय उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और वह क्लास में ही बैठ गए। क्लास के बच्चे यह देख घबरा गए और बाहर जाकर अन्य शिक्षकों को जानकारी दी।
जानकारी होने पर कई शिक्षक दौड़कर क्लास में पहुंचे। सुमित को उठाकर स्टॉफ रूप में ले जाया गया। शिक्षक इससे पहले कुछ समझ पाते सुमित का हाथ-पैर अकड़ने लगा। उनके मुंह से झाग भी निकल गया था। टीचर्स ने भागकर स्कूल के डॉक्टर को बुलाया तो उनकी नब्ज नहीं चल रही थी। आनन-फानन में एंबुलेंस बुलाई गई। हालांकि उनकी मौत हो चुकी थी।