(www.arya-tv.com)आगरा में किसानों का अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है. किसान लेटकर परिक्रमा करते हुए कमिश्नर कार्यालय तक पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया. किसान भूमि अधिग्रहण के मामले में मुआवजा की मांग को लेकर पहुंचे थे. किसानों ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चेतावनी दी है. कि अगर उनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो प्रदर्शन और भी तेज होगा. वर्ष 2010 में भूमि अधिग्रहण हुआ था जिसके मुआवजे को लेकर प्रदर्शन कर रहे है.
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने बताया कि 2008 में जेपी ग्रुप और आगरा विकास प्राधिकरण के साथ भूमि अधिग्रहण का करार हुआ था, जिसके चलते एक मुआवजा तय हुआ था. किसानों की जमीनों का बैनामा करा लिया गया जबकि किसानों को मुआवजा नही मिला. किसानों की जमीन को इनररिंग रोड इंटर चेंज के नाम पर किसानों की जमीन को लिया गया. इसमें अधिकारियों ने बड़ा भ्रष्टाचार किया है.
मामले की सीबीआई जांच की मांग
अधिकारियों ने किसानों को जेल का भय दिखाकर नाममात्र रेट पर किसानों से ले लिया. इस दौरान किसानों से जबरन बैनामा कराए गए और जिन लोगो ने यह किया वह भू माफिया किस्म के लोग है. उन लोगो ने सरकार से 1902 रुपए का रेट लिया जबकि किसानों को 648 का रेट दिया और जब इस मामले में जांच हुई तो इसमें 114 अधिकारी कर्मचारी और भू माफियाओं फसे हुए और यह 126 करोड़ रुपए का घोटाला है. हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे है. किसान अपने हक के लिए प्रदर्शन करता रहेगा.
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने बताया कि इस मामले की हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे है. यह बड़ा घोटाला है जिसमे भू माफिया और अधिकारी शामिल है. 429/2 वर्ष 2021 में मंडल आयुक्त के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन अब तक इसमें न कोई चार्जशीट दाखिल नही हुई और न ही कोई कार्यवाही हुई है. हमारी सरकार से मांग है कि अगर सरकार किसान हितैषी है और सरकार की कथनी करनी में अंतर नही है तो तत्काल प्रभाव से जांच को सीबीआई को सौंप दे. किसानों को आज के रेट के हिसाब से चार गुना मुआवजा दिया जाए. यह 22 गांव के किसानों का मामला है. अगर सरकार ने तीन दिन के अंदर फैसला नही लिया तो किसान फिर से अपना विरोध दर्ज कराएगा.