हाई कोर्ट में सरकारी वकीलों के चयन प्रक्रिया तलब:पांच अक्टूबर को अगली सुनवाई

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(www.arya-tv.com) एक बार फिर सरकारी वकीलों की चयन प्रक्रिया को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से हाईकोर्ट ने पूरी रिपोर्ट तलब की है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के डबल जज ने पहले तीन बार की गई चयन प्रक्रिया की भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट पेश करने का समय 5 अक्टूबर तक दिया गया है। इसी दिन डबल बेंच पूरे मामले पर सुनवाई भी करेगा।

हाई कोर्ट ने सरकारी वकीलों की तैनाती (आबद्धता) में अपनाई जाने वाली पूरी प्रक्रिया पेश करने का आदेश दिया है। पहले तीन बार सरकारी वकीलों की आबद्धता में अपनाई गई प्रक्रिया को भी राज्य सरकार प्रस्तुत करे। हाई कोर्ट ने सरकारी वकीलों की आबद्धता प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले इस मामले में सात दिसंबर 2022 को दिए गए आदेश को लेकर हलफनामा भी पेश करने का निर्देश दिया। वहीं, सरकारी वकीलों के चयन संबंधी रिकॉर्ड पांच अक्तूबर तक विधि सचिव के जरिये पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश राम शंकर तिवारी व अन्य वकीलों की जनहित याचिका पर दिया।

चयन प्रक्रिया ठोस और पारदर्शी बनाने के दिए थे आदेश

हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए एक अगस्त 2022 को तैनात किए गए वकीलों की आवद्धता प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने 7 दिसंबर 2022 के आदेश में बदलते वक्त के साथ सरकारी वकीलों की आवद्धता प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव की जरूरत बताई थी। कहा था कि आबद्धता प्रक्रिया भरोसेमंद व मनमानेपन से मुक्त होनी चाहिए। इस टिप्पणी के साथ महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र को सरकारी वकीलों की मौजूदा आबद्धता प्रक्रिया पर गौर करने और अधिक ठोस व पारदर्शी प्रक्रिया बनाने को कहा था।