(www.arya-tv.com) एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो काफी चर्चा और विवादों में रहा. इसके बाद से AI तकनीक से तैयार होने वाले इन डीपफेक कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार गंभीर नजर आ रही है. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने 24 नवंबर को एक बैठक में देश में सक्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक और अन्य निषेधात्मक सामग्री, जो देश के कानून को तोड़ते हैं उन्हें रोकने के लिए चेतावनी दी है. सूत्रों ने बताया कि सरकार ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगा सकती है.
24 नवंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की अध्यक्षता में MeitY की बैठक हुई. इस मीटिंग में मेटा, गूगल, स्नैप, शेयरचैट, टेलीग्राम, रिलायंस, Koo, सैमसंग और एपल के प्रतिनिधि शामिल थे.
अस्थाई रूप से ब्लॉक करने का विकल्प उपलब्ध
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “डीपफेक और अन्य निषेधात्मक सामग्री को लेकर बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वाले प्लेटफ़ॉर्म को भारत में अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का संभावित विकल्प भी शामिल हो सकता है.” दो सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है.
आईटी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत सरकार ऐसे आदेश जारी कर सकती है. इस बैठक के दौरान, सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को एक प्रेजेंटेशन डेक भी दिया गया, जिसमें सरकार ने बताया कि कैसे डीपफेक आईटी नियमों, विशेष रूप से नियम 3 (1) (बी) (वी) के दायरे में आते हैं.
सरकार सख्त, फंस गए तो…
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डीपफेक कंटेंट को लेकर सख्त रुख अपनाया है. मंत्रालय ने साफ कहा है कि अगर किसी को ऐसा कंटेंट बनाने और वायरल करने का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी जैसी धाराओं का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा सेक्शन 66डी में प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में दोषी पाये जाने पर 3 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.