(www.arya-tv.com) इटावा लायन सफारी में 100 घंटे में 4 शावकों की मौत होती है। वन विभाग ने इस मामले में रिपोर्ट जारी कर दी है। इसमें 2 शावकों की मौत की वजह शेरनी बताई गई। दरअसल, 1 शावक मरा हुआ पैदा हुआ था। जिसको चाटते हुए शेरनी पिछला हिस्सा खा गई।
1 अन्य शावक के घायल होने की वजह भी शेरनी ठहराई गई है। कहा गया कि शेरनी ने ही शावक को घायल किया। जबकि 2 शावकों की मौत इलाज के दौरान हुई।
- इटावा लायन सफारी में हुए 4 शावकों की मौत को लेकर वन विभाग ने अपनी रिपोर्ट पेश की। जिसमें यह बताया गया है कि शेरनी सोना ने 6 जुलाई की दोपहर 1:51 बजे पहले शावक को जन्म दिया। जोकि स्वस्थ था।
- पहले शावक के जन्म के 75 घंटे के बाद शेरनी सोना ने 9 जुलाई की शाम 7:49 बजे एक मृत शावक को जन्म दिया। उसके 10 सेकेंड बाद ही एक जीवित शावक को भी जन्म दिया और उसे चाटा।
- 7:57 बजे पर शेरनी सोना ने अपने मृत शावक के पिछले हिस्से को खा लिया। इसके बाद शाम 8:00 बजे एक और शावक को जन्म दिया।
- 10 जुलाई की सुबह 5:32 बजे शेरनी सोना चौथे शावक को पकड़कर एक कमरे से दूसरे कमरे में ले गई। जहां शावक घायल हो गया। उसकी भी मौत हो गई।
- इसके बाद जीवित शावकों को शेरनी से अलग करके नियो नेटल सेंटर में लाया गया। जहां जीवित शावक को निगरानी में रखा गया।
- 13 जुलाई को तीसरे शावक जिसका जन्म 9 जुलाई को हुआ था उसकी मौत हो गई। चौथे शावक की भी सुबह 8:00 बजे उपचार के दौरान मौत हो गई।
CCTV, डॉक्टर सब कुछ… फिर कैसे नहीं बचाए जा सके शावक
दरअसल, इटावा लायन सफारी में हुई 4 शावकों की मौत पर बवाल इसलिए भी मचा हुआ है, क्योंकि जिस बैरक में 4 शावकों की मौत हुई। वहां CCTV लगा हुआ है। लायन सफरी में ऑन ड्यूटी डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद था। फिर ऐसा कैसे हुआ कि शेरनी के शावकों की मौत हो रही थी, लेकिन उन्हें बचाने का ठीक से प्रयास तक नहीं हुआ।रिपोर्ट में पहले 100 घंटे में 5 शावकों के पैदा होना अप्रत्याशित बताया गया। फिर मौत का डिस्क्राइब करते हुए भी अप्रत्याशित शब्द का इस्तेमाल किया गया। लापरवाही को छुपाते हुए डॉक्टर-कर्मचारियों ने कहा कि इतने शावक पैदा होना ही अप्रत्याशित है। ऐसा पहले कोई घटना संज्ञान में नहीं है।
4 सदस्यों की समिति केस स्टडी की जांच करेगी
पूरे मामले की लीपापोती में जुटा वन विभाग अब केस स्टडी की जांच करेगा। इसके लिए मुख्य वन संरक्षक विकास नीरज कुमार की अध्यक्षता में समिति को गठित की गई है। समिति में 4 सदस्य होंगे, जिनमें मुख्य वन संरक्षक वन जीव शेष नारायण मिश्र, लायन सफारी के निदेशक दीक्षा भंडारी, गोरखपुर जू के डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह को शामिल किया गया है।वीडियोग्राफी से होगी आंकड़ों की स्टडी
सफारी में मौजूद वीडियो, फोटो और अन्य साक्ष्यों के साथ, बब्बर शेर के प्रजनन से संबंधित ब्रीडिंग सेंटर के आंकड़ों पर रिसर्च कमेटी के सदस्य करेंगे। गुजरात और देहरादून के वन्य जीव एक्सपर्ट की मदद से केस स्टडी तैयार की जाएगी। ये केस स्टडी 30 जुलाई के आस-पास पेश की जाएगी।