(www.arya-tv.com) आज 19 अप्रैल को जानी-मानी एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी की पहली बर्थ एनिवर्सरी है। पिछले साल सुरेखा का कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था। अभिनय की दुनिया में 50 साल तक सक्रिय रहीं सुरेखा को सबसे ज्यादा पहचान बालिका वधू में अपने किरदार कल्याणी देवी के रूप में मिली। इस सख्त दादी सा के किरदार ने उन्हें घर-घर में पॉपुलर कर दिया था। उन्हें आखिरी बार जोया अख्तर की घोस्ट स्टोरीज में देखा गया था।
दिल्ली में जन्मी, शुरुआती पढ़ाई अल्मोड़ा शहर में हुई
सुरेखा का जन्म 19 अप्रैल, 1945 को दिल्ली में हुआ था। पापा एयर फोर्स में ऑफिसर थे और मां टीचर थीं। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई अल्मोड़ा शहर में हुई। कॉलेज की पढ़ाई के लिए सुरेखा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चली गईं। वहां इनकी बहन भी पढ़ा करती थीं।
एक बार नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के तत्कालीन डायरेक्टर इब्राहिम अलकाजी अपनी रेपर्टरी के साथ AMU पहुंचे। इन्होंने यहां किंग लीयर नाम के नाटक का मंचन किया। ताकि और लोगों को थिएटर जॉइन करने के लिए प्रेरित किया जाए। इस नाटक को देखने के बाद सुरेखा की बहन NSD जाना चाहती थीं। इसीलिए उनके लिए ड्रामा स्कूल का फॉर्म मंगाया गया। मगर बाद में इनका मन बदल गया।
गलती से नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में एडमिशन पा गई
तब सुरेखा की मां ने उनसे कहा कि तुम ये फॉर्म भर दो। सुरेखा की दिलचस्पी पढ़ने में थी और आगे चलकर लिखने के क्षेत्र में जाना चाहती थीं। पर मां की सलाह पर उन्होंने वो फॉर्म भर दिया। फिर इन्हें NSD से इंटरव्यू और ऑडिशन के लिए बुलावा आ गया।
ऑडिशन हुआ और 1965 में इंडिया के सबसे बड़े एक्टिंग इंस्टिट्यूट नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में इनका चयन हो गया। शरुआत में इन्हें दिक्कतें हुई पर बाद में वो थिएटर और एक्टिंग को फुल ऑन एंजॉय करने लगीं।
1978 में किया था डेब्यू
दिल्ली के ड्रामा सर्किट में 15 सालों तक काम करने के बाद सुरेखा मुंबई गईं। सुरेखा ने 1978 में आई फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ से फिल्मों में डेब्यू किया। ये पॉलिटिकल सटायर फिल्म थी, जिसमें शबाना आजमी लीड रोल कर रही थीं।
इसके बाद 1986 में ‘तमस’, 1991 में ‘नजर’, 1996 में ‘सरदारी बेगम’, 1999 में ‘सरफरोश’, साल 2004 में आई फिल्म ‘तुमसा नहीं देखा’ और आयुष्मान खुराना की ‘बधाई हो’ में सुरेखा ने जरबदस्त अभिनय किया। इन्हें सफलता शो ‘बालिका वधू’ से मिली थी। इस सीरियल में इनका निभाया कल्याणी देवी उर्फ दादी सा का किरदार बहुत पसंद किया गया। इन्होंने ‘एक था राजा, एक थी रानी’ और ‘परदेस में है मेरा दिल’ जैसे शोज में भी काम किया।
दो साल में दो बार हुआ ब्रेन स्ट्रोक
सुरेखा सीकरी को पहले 2018 में महाबलेश्वर में एक TV शो की शूटिंग के दौरान ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। वे गिर गई थीं, जिससे उसके सिर में चोट लगी थी। हालांकि, देखभाल में रहने के बाद वे ठीक हो गई थीं।लॉकडाउन के दौरान इन्हें फिर से स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उन्हें ICU में रखा गया था।
तीन बार जीता नेशनल अवॉर्ड
NSD ग्रेजुएट सुरेखा सीकरी ने तीन नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए थे। 1988 में फिल्म ‘तमस’ और 1995 में ‘मम्मो’ के लिए सुरेखा बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस चुनी गई थीं। वहीं 2018 में आई ‘बधाई हो’ के लिए इन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला था। 1989 में हिंदी थिएटर में अपने जबरदस्त योगदान के चलते इन्हें संगीत नाटक अकादमी ने भी सम्मानित किया था।