दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने एक बड़े ऑनलाइन ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर करोड़ों की ठगी कर रहा था. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और 92 साल के एक रिटायर्ड सर्जन के साथ हुई 2.2 करोड़ रुपये की ठगी की रकम वापस दिलवाने में भी सफलता पाई है.
डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि 15 मार्च 2025 को दिल्ली के एक 92 साल के बुज़ुर्ग डॉक्टर ने शिकायत दी कि उन्हें 12 मार्च को कई अनजान नंबरों से कॉल आए. कॉल करने वालों ने खुद को TRAI और महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि डॉक्टर के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हैं.
फर्जी कोर्ट ऑर्डर दिखाए गए
इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए उन्हें फर्जी कोर्ट ऑर्डर दिखाए गए और डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर उनका भरोसा जीत लिया. ठगों ने उन्हें डराकर उनकी सारी फिक्स्ड डिपॉजिट तुड़वाकर तीन अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए.
दो आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में IFSO यूनिट की एक टीम बनाई गई. जांच के दौरान टेक्निकल सर्विलांस और बैंक अकाउंट की जानकारी से आरोपियों की पहचान की गई. इसके बाद गाजियाबाद में छापा मारकर अमित शर्मा उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया गया और फिर असम के उदलगुड़ी से हरी स्वर्गियारी को पकड़ा गया.
ये गिरोह खुद को पुलिस, सीबीआई, कस्टम या अन्य सरकारी अफसर बताकर लोगों को फोन करता था. पहले तो डराते थे कि आपके खिलाफ केस है, फिर सहानुभूति दिखाते और कहते कि शायद ये किसी और की गलती है. फिर उन्हें कहते कि अपनी सफाई में पैसा भेजो ताकि जांच हो सके और पैसे वापस मिल जाएंगे, लेकिन असल में ये पैसे ठगी के होते थे.
पुलिस ने आरोपियों के पास से 2.2 करोड़ रुपये बरामद किए, जो पीड़ित को वापस कर दिए गए है. इसके अलावा 3 मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किए गए है. पुलिस ने बताया कि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा.