(www.arya-tv.com) दुनियाभर में अभी बच्चों को लगने वाली कोरोनावायरस वैक्सीन पर रिसर्च जारी है। उम्मीद की जा रही है कि वयस्कों को लगने वाले टीके बच्चों पर भी सकारात्मक असर डालेंगे। इसके लिए अमेरिका से लेकर भारत तक में ट्रायल किए जा रहे हैं। हालांकि, इस बीच क्यूबा दुनिया का पहला देश बन गया है, जहां दो साल से ऊपर के बच्चों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया गया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस कम्युनिस्ट देश में बच्चों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी पा चुकी वैक्सीन नहीं, बल्कि देश में ही तैयार किया गया टीका दिया गया है। तकरीबन 1.12 करोड़ की जनसंख्या वाले इस कैरीबियाई देश में सरकार स्कूल खोलने से पहले ही सभी बच्चों को टीके देना चाहती है। दरअसल, क्यूबा में अधिकतर जगहों पर इंटरनेट की गैरमौजूदगी की वजह से फिलहाल बच्चों को टेलीविजन कार्यक्रमों के जरिए पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द बच्चों का टीकाकरण पूरा करना चाहती है।
बताया गया है कि क्यूबा ने जिन दो वैक्सीन को बच्चों को लगाने की मंजूरी दी है, उनके नाम हैं- अब्दाला और सोबेराना । क्यूबा ने ये टीकाकरण कार्यक्रम शुक्रवार से ही शुरू किया है। इसमें सबसे पहले 12 साल और उससे ऊपर के बच्चों को वैक्सरीन दी गई। इसके बाद सोमवार से 2-11 साल के बच्चों को भी वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया गया।
बता दें कि कुछ और देशों ने भी बच्चों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया है। हालांकि, इन देशों में 12 साल से ज्यादा के बच्चों को ही टीका लगाया जा रहा है। इसके अलावा चीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), वेनेजुएला, अगले कुछ दिनों में ही छोटे बच्चों को टीका देना शुरू कर सकता है। लेकिन इसमें क्यूबा ने बाजी मारी है। चिली ने भी सोमवार को ही 6 से 12 साल के बच्चों के लिए चीन की साइनोवैक वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी है।
