(www.arya-tv.com) ईद-उल-अजहा का त्योहार देशभर में 29 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन हैसियत दार मुसलमान खुदा की राह में बकरे की कुर्बानी देते हैं। त्योहार को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसी क्रम में पुराने लखनऊ की बकरा मंडियां भी खरीदारों से भरी पड़ी हैं।
हुसैनाबाद इलाके में हर साल नींबू पार्क, नया पक्का पुल और आस-पास के इलाकों में बकरा मंडी लगती है। जहां पर प्रदेश भर के बकरा व्यापारी अपने पाले हुए बकरों को बेचने आते हैं। बुधवार को हम नया पक्का पुल के नीचे लगने वाली बकरा मंडी पहुंचे। वहां पहुंचकर बकरा व्यापारी और आयोजक कमेटी के सदस्य से कुछ बात की।
सबसे महंगा बकरा बिका डेढ़ लाख का
नया पक्का पुल के नीचे लगी बकरा मंडी के आयोजक जमशेद अली हैं। उनकी कमेटी मंडी का पूरा रखरखाव कर रही है। मंडी में मिले कमिटी के सदस्य तौहीद ने हमसे बात की। उन्होंने बताया कि यहां पर लखनऊ के अलावा यूपी के दूर–दराज वाले इलाकों से भी व्यापारी आए हैं।
तौहीद ने कहा- “व्यापारी बहुत दूर-दूर से आए हैं। सीतापुर, खैराबाद, लखीमपुर, तम्बौर और भी कई जगहों से। ज्यादातर देहात के इलाकों से हैं। इस मंडी में सबसे महंगा बकरा इस बार डेढ़ लाख का बिका है। जो की जमुनापारी नस्ल का था। यहां पर लगभग बकरों की हर नस्ल है। जैसे जमुनापारी, तोतापरी, देसी, अजमेरी। सभी का रेट भी अलग-अलग है”।
साथ ही तौहीद ने बताया आज और भी व्यापारी मंडी पहुंचेंगे। 8 दिन से चल रही ये मंडी कल खत्म होगी। इस दौरान हमने लखीमपुर के अतीक कुरेशी से भी बात की। वो लखीमपुर जिले से लखनऊ आकर 15 सालों से बकरीद पर दुकान लगा रहे हैं।
देसी नस्ल के बकरों की जोड़ी के उन्होंने 28 हजार दाम लगाए हैं। अतीक ने कहा- “भैया इस जोड़े का 28 हजार हम मांग रहे हैं। लाने में एक बकरे पर 500 रुपया खर्च बैठता है। फिर खिलाना पिलाना अलग से। इस बार हम अभी तक 80-90 बकरे बेच चुके हैं”। बगल में बैठे उनके दोस्त ने बोला, “यहां पर इन्हीं की मार्केट अच्छी चल रही है”।