मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नागरिकों के संरक्षण और दुष्टों का संहार करके ही कोई राष्ट्र सुरक्षित रह सकता है. और, सुरक्षा के माहौल में ही स्मृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य चाणक्य के एक उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि कोई राष्ट्र वाह्य रूप से सुरक्षित हो और आंतिरक रूप से सुरक्षित न हो तो उसे अराजक राष्ट्र माना जाता है. ऐसा अराजक राष्ट्र शीघ्र समाप्त होने के कगार पर होता है. पाकिस्तान इसी तरह के अराजक राष्ट्र का उदाहरण है. आंतरिक अराजकता से वह पूरी तरह खोखला हो चुका है. उन्होंने कहा कि अराजकता किसी भी राष्ट्र को दुर्गति की ओर ले जाती है. दुर्गति से अस्तित्व पर संकट होता है. भारत प्राचीनकाल से ही इस पर सजग और सतर्क रहा है.
सीएम योगी शुक्रवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 56वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की 11वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में समसामयिक विषयों पर संगोष्ठी श्रृंखला के पहले दिन ‘भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां’ विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे.
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैदिककाल से ही भारत में यह शिक्षा दी गई है कि धरती हमारी माता है और हम धरती के पुत्र हैं. कोई भी सुयोग्य पुत्र मां के साथ अराजकता बर्दाश्त नहीं कर सकता. भारत मां की आन, बान, शान के प्रति किसी ने दुस्साहस किया तो उसके खिलाफ हर भारतीय खड़ा होगा.
सीएम योगी ने रामायणकाल में उपद्रवियों के नाश के लिए प्रभु श्रीराम के ‘निसिचर हीन करहुं महि…’ संकल्प को रामराज की आधारशिला बताया. इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ के उद्घोष को संदर्भित करते हुए कहा कि नागरिकों का संरक्षण और दुष्टों का संहार राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपरिहार्य है.
सेना के जवानों के कठिन परिश्रम से नागरिक सोते हैं चैन की नींद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिए गए पंचप्रण का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें सेना के जवानों के प्रति सम्मान का भाव रखने का भी एक संकल्प है. उन्होंने कहा कि नागरिक चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं कि हमारे सैनिक देश के मोर्चे पर माइनस 50 डिग्री तापमान में कठिन परिश्रम करते हुए देश की सुरक्षा के लिए खड़े रहते हैं. भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में युद्ध के तौर तरीके बदले हैं. बदली परिस्थितियों में भी हमारी सेना ने दुश्मन को उसकी सीमाओं का एहसास कराया है.
राष्ट्र के लिए समर्पित रहा गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय का जीवन
गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय दिग्विजयनाथ महाराज और अवेद्यनाथ महाराज की पावन स्मृति को नमन करते हुए मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आध्यात्मिक साधना के साथ ब्रह्मलीन महंतद्वय का पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा. पांथिक संकीर्णता में बंधे रहने की बजाय महंतद्वय ने भारत और भारतीयता के लिए किए गए हर आह्वान में बढ़चढ़कर भाग लिया. महंतद्वय की स्मृति में राष्ट्र से जुड़े विषयों पर संगोष्ठी का यह आयोजन गुरु परंपरा के प्रति गौरव की अनुभूति और कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर होता है.