(www.arya-tv.com)अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना की टेबलेट तैयार की है। इस दवा पर हुई शुरुआती स्टडी में सामने आया है कि यह वायरल लोड को घटाती है। 5 दिन तक चले इलाज में मरीज में वायरस की संख्या घटी। मॉल्नुपिरावीर ड्रग से नई दवा तैयार करने वाली अमेरिकी कम्पनी रिजबैक बायोथेप्यूटिक्स ने शनिवार को अब तक हुई प्री-स्टडी के नतीजे जारी किए। अगर ट्रायल में दवा सफल होती है तो यह कोरोना के खिलाफ पहली ओरल एंटीवायरल पिल होगी।
कोरोना का रेप्लिकेशन रोकती है
कम्पनी के को-फाउंडर वायन होलमैन का कहना है, रिसर्च के अब तक के परिणाम बताते हैं कि नई दवा कोरोना को शरीर में उसकी संख्या बढ़ाने (रेप्लिकेशन) से रोकती है। यही खूबी साबित करती है कि यह दवा कोरोना से लड़ने में असरदार साबित हो सकती है। हालांकि रिसर्च के अब तक के नतीजे 100 फीसदी यह बात साबित नहीं करते कि यह पूरी तरह से बीमारी के असर को कम करेगी। अभी और रिसर्च होनी बाकी है।
ऐसे काम करती है दवा
कोरोना के खिलाफ अब तैयार की गईं दवाएं इसके स्पाइक प्रोटीन को टार्गेट करती हैं और संक्रमण बढ़ने से रोकती हैं। लेकिन अमेरिकी ड्रग कम्पनी की यह नई दवा कोरोना के उस हिस्से पर अटैक करती है जिससे यह शरीर में अपनी संख्या को बढ़ाता है।
रिसर्च के विस्तृत नतीजे मार्च के अंत तक आएंगे
कम्पनी के मुताबिक, मार्च के अंत तक रिसर्च के विस्तृत नतीजे आएंगे और यह पता चल पाएगा कि नई दवा मॉल्नुपिरावीर कोरोना के मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होने से रोकने में कितनी सफल है। साथ ही मौत का खतरा कितना घटाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर कार्ल डिफेनबेक कहते हैं, रिसर्च के नतीजे दिलचस्प हैं लेकिन यह 100% सटीक नहीं हैं। क्लीनिकल ट्रायल में नतीजों को और साबित करने की जरूरत है।
