मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अति गंभीर परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी इंडिविजुअल व्यक्ति को ऑक्सीजन की आपूर्ति न की जाए। केवल संस्थागत आपूर्ति होगी। ऑक्सीजन रीफिलिंग केंद्रों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हों और हॉस्पिटल के अतिरिक्त इंडीविजुअल आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन देते समय डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन, आधार कार्ड का विवरण नोट किया जाए।
उधर, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और उनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं। मथुरा जेल में बंद PFI एजेंट सिद्दीकी कप्पन भी संक्रमित मिला है। वहीं, अलीगढ़ में बुधवार की शाम एक अस्पताल के ICU में भर्ती 5 मरीजों की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई। इस पर देर रात तक अस्पताल में हंगामा हुआ।
परिजनों का आरोप- मौत के बाद मंगाए गए सिलेंडर
दरअसल, अलीगढ़ के धनीपुर मंडी के पास एसजेडी मेमोरियल कोविड-19 अस्पताल में 40 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है। यहां पर कोविड संक्रमित मरीजों को उपचार चल रहा है। बुधवार की शाम कुछ ही घंटों के अंदर 5 मरीजों की मौत हो गई। मौत की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। मृतकों के परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर अपर सिटी मजिस्ट्रेट कुंवर बहादुर सिंह पुलिस फोर्स के साथ पहुंच गए और लोगों को समझाने की कोशिश की। लोगों का आरोप था कि यहां पर ऑक्सीजन की कमी थी, जिससे मरीजों की मौत हुई। ऑक्सीजन के सिलेंडर मरीजों की मौत के बाद तत्काल मंगवाए गए हैं। इस पर अपर सिटी मजिस्ट्रेट से बात करने की कोशिश की गई तो वह कुछ भी नहीं बोले और मामले में जांच की बात कहते रहे। उनका कहना था कि ऑक्सीजन के 40 सिलेंडर अभी भी यहां पर रखे हुए हैं।
मृतकों में जयगंज की 54 साल की सरिता रानी, अकराबाद के रहने वाले 30 साल के मुकेश, मथुरा में प्राथमिक शिक्षक के पद पर तैनात महेंद्र नगर निवासी 50 साल के अनिल कश्यप, सिकंदराराऊ के शिक्षामित्र 50 साल के जयवीर और ललित प्रसाद शामिल है। मृतकों के परिजनों का यह भी आरोप है कि अस्पताल में आनन फानन में सिलेंडर मरीजों की मौत के बाद मंगाए गए।