(www.arya-tv.com)बीते 12 से 15 महीनों में देश में कोरोना ने जो कहर ढाया है, उससे सिर्फ मिडिल और लोअर क्लास परिवारों की ही आर्थिक स्थिति नहीं बिगड़ी। बल्कि, ग्लैमर और चकाचौंध से भरी दिखने वाली फिल्म इंडस्ट्री की जड़ें भी हिल गई हैं। हालात ये हैं कि पिछले एक साल में कई छोटे कलाकारों ने मायानगरी मुंबई को अलविदा कह दिया। सितारों ने अपने घरों की सिक्योरिटी कम की, डिजाइनर कपड़ों की डिमांड भी आधी रह गई। कुछ लोगों को अपनी लाइफ स्टाइल को मेंटेन करने के लिए प्रॉपर्टीज भी बेचनी पड़ी। इसके उलट एक बात ये भी है कि कई बॉलीवुड सेलेब्स ने शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड्स में जमकर पैसा भी लगाया है। कोरोना में कमाई के रास्ते बंद होने पर बॉलीवुड स्टार्स ने इन्वेस्टमेंट के जरिए कमाई के कई मौके भी खोजे हैं।
गिनती के कुछ सितारे हैं, जिन पर कोरोना और लॉकडाउन का ज्यादा असर नहीं हुआ, लेकिन इनके अलावा बाकी इंडस्ट्री पर जो संकट है, वो पूरे बॉलीवुड को बेचैन करने वाला है। 2021 की शुरुआत ने कुछ उम्मीदें जगाई थीं। सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में रौनक लौटने की राह देख रहे बॉलीवुड में कई प्रोडक्शन हाउसेज ने अपनी फिल्मों की रिलीज डेट भी कन्फर्म कर दी थीं, लेकिन पिछले 15-20 दिनों में कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रोड्यूसर्स फिर रिलीज से हाथ पीछे खींचते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में इस साल की शुरुआती छमाही में भी स्थितियां सुधरती नहीं दिख रही हैं।
फिल्में कम आईं, रेवेन्यू 80% नीचे गिरा
वर्ष 2019 में बॉलीवुड में कुल 1833 फिल्में रिलीज़ हुई थीं जबकि 2020 में मात्र 441 फिल्में ही रिलीज हो पाईं। फिल्मों का थियेटर से आने वाला रेवेन्यू 80% तक नीचे खिसक गया। फिक्की की हाल ही की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एंटरटेनमेंट सेक्टर की कुल इनकम 24 फीसदी कम हुई है।
डिजाइनर कपड़ों की बनवाई 50% रह गई : अंजू मोदी
अब स्टार्स डिजाइनर ड्रेस कम ही ऑर्डर कर रहे हैं। शूटिंग के अलावा रेड कारपेट, पार्टीज, खास मीटिंग या इवेंट के लिए स्टार्स ड्रेस ऑर्डर करते थे। एक ड्रेस की कीमत दस हजार से लेकर दस लाख रुपए तक होती है। सेलिब्रिटी फैशन डिजाइनर, बाजीराव मस्तानी और रामलीला की कॉस्ट्यूम डिजाइनर अंजू मोदी बताती हैं कि पहले हर दिन मेरे पास एक्टर्स के ड्रेस के ऑर्डर आते थे, लेकिन कोरोना काल में सब थम गया है। ऑर्डर्स आधे रह गए हैं। इस वजह से मुझे अपना 50 फीसदी स्टाफ कम करना पड़ा।
बॉलीवुड की सिक्योरिटी सर्विसेज में 50% गिरावट
देश की सबसे पुरानी सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट गुरुचरण सिंह चौहान का कहना है कि पूरे देश में हमारी सिक्योरिटी का पांच फीसदी बॉलीवुड-एंटरटेनमेंट में काम करता है, जिसे कोरोना की वजह से 50 फीसदी कम कर दिया गया है क्योंकि इवेंट, क्राउड, पार्टी, फंक्शन सब बंद हैं। ऊपर से सरकार ने इन्हें फ्री वैक्सीन देने वाली सूची में भी शामिल नहीं किया है।
टाइगर सिक्योरिटी एजेंसी के आर.के. दुबे ने बताया कि बड़े स्टार्स इवेंट के वक्त 10-12 बाउंसर या सिक्योरिटी गार्ड ले जाते थे। ये अभी बंद हो चुका है। कुछ स्टार्स के घर पहले जहां 20 सिक्योरिटी गार्ड रहते थे, अब वह पांच से काम चला रहे हैं।
तरह-तरह के फंड्स में लगाया पैसा
मुंबई की प्रमुख इदाफा इन्वेस्टमेंट कंपनी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर निखत अशरफ मोहम्मदी बताती हैं कि कोविड में मुंबई के अमीर तबके (जिसमें बॉलीवुड और एंटरटेनमेंट सेक्टर के भी क्लाइंट हैं) ने इतना ज्यादा इन्वेस्टमेंट किया, जितना पहले कभी नहीं किया। अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) के जरिये सेलिब्रिटीज़ ने इन्वेस्टमेंट की, जिसमें मिनिमम इन्वेस्टमेंट एक करोड़ रुपए की होती है। 3-4 साल में इसमें 6 गुना ग्रोथ के साथ पैसा मिलता है। इसके अलावा स्टॉक एक्सचेंज (इक्विटी) में भी सेलिब्रिटीज ने इन्वेस्ट किया।
निखत के अनुसार ग्राउंड पर कोई कमाई तो थी नहीं और कोई कहीं जा भी नहीं सकता था। सेलिब्रिटी तबका अपने फंड्स यहां से वहां डिप्लॉय कर ऐसी-ऐसी इन्वेस्टमेंट्स कर रहा था कि आने वाले सालों में उन्हें मुनाफा हो सके। हमारी कंपनी को कोविड में एक मिनट का भी समय नहीं था। सारा काम फोन और ईमेल से होता था। हमने बीते कई साल में इन्वेस्टमेंट का इतना काम नहीं किया। लोगों ने रिलायंस, ओला और जमैटो और फार्मा जैसी कंपनियों के शेयर में पैसा लगाया।