लखनऊ (www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। लखनऊ में विधान भवन के सामने कांग्रेस के विधायक जमकर हंगामा कर रहे हैं। इनकी मांग केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की है।
लखनऊ में विधानसभा मार्ग पर विधान भवन के ठीक सामने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायक प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सभी विधान भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं, इनकी मांग केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में लखनऊ में जीपीओ गांधी प्रतिमा से लेकर विधानसभा तक मार्च निकाला गया। इस दौरान कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने भी केन्द्रीय मंत्री की अभद्रता पर नाराजगी जताई। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जब तक अजय कुमार मिश्रा टेनी को बर्खास्त नहीं किया जाएगा, हमारा विरोध जारी रहेगा। हम इस मुद्दे को बाहर भी उठाएंगे और विधानसभा में भी उठाएंगे। इस लड़ाई को मज़बूती से अंजाम तक पहुंचाएंगे।
उधर कांग्रेस के बड़े नेता मल्लिकार्जुन खड़गेने कहा कि अजय कुमार टेनी को मीडिया को जवाब नहीं देना था तो वह चुप रह सकते थे। एक मंत्री का किसी को डराना-धमकाना शोभा नहीं देता। लखीमपुर खीरी केस में एसआइटी की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें खुद इस्तीफा देना चहिए था उसके लिए हमारा प्रदर्शन करना, मामले को सदन में उठाना ऐसा नहीं होना चाहिए था।
गौरतलब है कि बुधवार को लखीमपुर खीरी में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी बुधवार को लखीमपुर हिंसा केस से जुड़े एक सवाल पर आपा खो बैठे। अस्पताल में आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने गए केंद्रीय मंत्री ने एक इलेक्ट्रानिक चैनल के पत्रकार के सवाल पर पूरी मीडिया को चोर तक कह दिया। टेनी यहीं तक नहीं रुके, उन्होंने पत्रकार का कालर तक पकड़ने की कोशिश की।
किसी तरह से लोगों ने उनको शांत तो करा दिया, लेकिन तब तक इंटरनेट मीडिया पर उनकी अभद्र टिप्पणी का वीडियो वायरल हो चुका था। दरअसल, लखीमपुर खीरी हिंसा केस में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्र समेत सभी 13 आरोपितों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
मामले के विवेचक इंस्पेक्टर विद्याराम दिवाकर की सीजेएम कोर्ट में धाराएं बढ़ाने की अर्जी पर लखीमपुर की अदालत ने मुहर लगा दी। सीजेएम चिंताराम ने मंगलवार को विवेचक की अर्जी को मंजूरी देते हुए दुर्घटना में मौत की धाराओं को हटाते करते हुए जानलेवा हमला, गंभीर चोट कारित करना व शस्त्र अधिनियम की धाराएं बढ़ाने की अनुमति प्रदान कर दी है।