(www.arya-tv.com) यूपी में मंगलवार से लोगों को भीषण गर्मी में बिना बिजली के रहना पड़ सकता है। दरअसल, विदेशी कोयला खरीद पर कोल इंडिया और यूपी पावर कॉर्पोरेशन में सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में मंगलवार 7 जून से बड़ा बिजली संकट पैदा हो सकता है। पहले से कोयला संकट से जूझ रहे उत्पादन निगम को करीब 30% कोयले की कम सप्लाई हो सकती है।दरअसल, कोल इंडिया ने सभी राज्यों के लिए कहा था कि उनको 10% विदेशी कोयला खरीदना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो 7 जून से 30% देशी कोयले की सप्लाई कम कर दी जाएगी। दूसरी तरफ, अगर योगी सरकार विदेशी कोयला खरीदती है, तो 11 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इससे बिजली एक रुपए प्रति यूनिट तक महंगी हो जाएगी
गांव में अभी से बढ़ गई है बिजली कटौती
गर्मी से अचानक डिमांड एक बार फिर 25 हजार मेगावॉट तक पहुंच गई है। ऐसे में गांवों में 3 से 4 घंटे बिजली कटौती की जा रही है। पावर कॉर्पोरेशन के आंकड़ों के अनुसार, तहसील स्तर पर शेड्यूल से सवा घंटे ज्यादा की बिजली कटौती हो रही है।
शहरों में ओवरलोड की वजह से बढ़ी कटौती
लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, बरेली, नोएडा, गाजियाबाद जैसे बड़े शहर भी कटौती से अछूते नहीं हैं। लेसा (Lucknow Electric Supply Authority) के सीनियर अधिकारी ने बताया कि ओवरलोडिंग के नाम पर बड़े शहरों में भी कटौती हो रही है। प्रदेश में हर दिन करीब 600 ट्रांसफॉर्मर खराब हो रहे हैं।
कई पावर प्लांट भी हुए बंद
कोयला न मिलने से पहले ही 4 यूनिट की सप्लाई बाधित हो गई है। इसकी वजह से कटौती बढ़ गई है। करीब 1700 मेगावॉट सप्लाई बाधित हो गई है। हालांकि पारीछा की 250 मेगावाट की यूनिट मंगलवार से शुरू हो जाएगी।
15 जून के बाद 40% सप्लाई पर असर
विदेशी कोयला नहीं खरीदने पर 15 जून के बाद देशी कोयले की सप्लाई 60% कर दी जाएगी। देशी और विदेशी कोयले की कीमतों में करीब 6 गुना का अंतर है। यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि सरकार का यह फैसला तानाशाही भरा है। इससे बिजली महंगी होगी। उन्होंने इस पूरे मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से CBI जांच की मांग की है।
3000 का कोयला 17000 रुपए में मिलता है
कोल इंडिया से अभी कोयला खरीदने पर भाड़े के साथ 3000 रुपए प्रति मीट्रिक टन का खर्च आता है। अब अगर विदेशी कोयले की खरीदारी होती है, तो यह खर्च 17000 रुपए प्रति मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा। देशी की तुलना में यह खरीदारी करीब 6 गुना महंगी पड़ेगी। इसके अलावा इसकी क्वालिटी भी कुछ खास नहीं होती है। अगर कोल इंडिया से कोयला खरीदा जाता है, तो 3 करोड़ उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदनी पड़ सकती है।
।