कानपुर में CMO VS CMO: डॉ. हरीदत्त दफ्तर में, डॉ. उदयनाथ निरीक्षण पर, सवाल- कब सुलझेगा मामला?

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उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर नगर जिले में फिलहाल दो मुख्य चिकित्साधिकारी हैं. कानपुर नगर स्थित सीएमओ के दफ्तर में जहां 9 जुलाई, बुधवार की दोपहर तक डॉक्टर उदयनाथ के नाम की नेमप्लेट लगी थी, अब वहां डॉ. हरीदत्त नेमी के नाम की पट्टिका लग गई है. स्थिति इतनी गजब है कि एक अधिकारी दफ्तर में जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है तो दूसरा फील्ड में निरीक्षण के जरिए अपनी भूमिकाएं अदा कर रहा है.

CMO डॉ. उदयनाथ 10 जुलाई, गुरुवार को कानपुर नगर में निरीक्षण के लिए निकले. उन्होंने कहा कि DM साहब (IAS जितेंद्र प्रताप सिंह) को सूचित कर दिया है. वहीं डॉक्टर हरीदत्त नेमी सरकारी गाड़ी से दफ्तर आए.

गौरतलब है कि कानपुर नगर उस समय अजीब-ओ-गरीब स्थिति पैदा हो गई जब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से बहाली का आदेश लेकर लौटे पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी और वर्तमान डॉ. उदयनाथ एक ही कार्यालय में अलग-अलग कुर्सियों पर बैठ गए. डॉ. नेमी को कुछ सप्ताह पहले जिलाधिकारी से टकराव के बाद शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया था, लेकिन मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनका निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें पूर्व पद पर बहाल करने का आदेश दिया.

जमकर हुई सियासत
इससे पहले इस विवाद में राजनीतिक हस्तक्षेप भी देखने को मिला था, जहां विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और कुछ बीजेपी विधायकों ने डॉ. नेमी का समर्थन किया, जबकि बिठूर के विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इन सबके बीच जब मामला ज्यादा बढ़ा तो कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी.

इसके बाद डॉ. हरिदत्त नेमी को मुख्यालय से अटैच कर निलंबित कर दिया था. सपा ने इस मामले को जातीय रंग देते हुए कहा था कि चूंकि डीएम, सीएम के सजातीय हैं, इसलिए उन पर एक्शन न लेते हुए एक दलित अफसर को निशाना बनाया गया.

उधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर सरकार को आड़े हाथों लिया और तंज कसा था. उन्होंने 9 जुलाई को एक प्रेस वार्ता में कहा था कि इस सरकार में हर जगह झगड़े चल रहे हैं.

सीएमओ कौन?
इन सबके बीच अब सवाल जनता के मन में उठ रहा है कि आखिर सीएमओ है तो कौन है? डॉ. हरीदत्त नेमी या डॉ. उदयनाथ! इस बारे में लखनऊ स्थित उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अभी दोनों लोग इस पद पर हैं. जो भी निर्णय होगा, वह लखनऊ में होगा.

जब डॉक्टर हरीदत्त नेमी ने बुधवार को कार्यभार संभाला तो उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट ने दो आदेश दिया है. एक मेरे निलंबन वापसी का और दूसरा डॉक्टर उदयनाथ के ट्रांसफर पर स्टे का. वहीं डॉक्टर उदयनाथ का अब भी यही कहना है कि मैं सीएमओ हूं. मेरे पास शासन के जरिए कोर्ट का ऑर्डर नहीं आया.

अब यह देखना दिलचस्प है कि यह मामला कैसे सुलझेगा और कब कानपुर नगर के पास 2 नहीं बल्कि जरूरत भर का और सिर्फ 1 मुख्य चिकित्साधिकारी होगा.