कर्मचारियों और पेंशनरों को योगी का ‘कैशलेश इलाज’ का तोहफा:CM ने लखनऊ में किया शुभारंभ

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(www.arya-tv.com)  सीएम योगी ने लखनऊ में पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का शुभारंभ किया।लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने दस कर्मियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को राज्य हेल्थ कार्ड वितरित किए।

कार्यक्रम को संबोधित कर उन्होंने कहा कि प्रदेश के 22 लाख राज्य कर्मचारी, पेंशनर्स व इनके आश्रितों को मिलाकर कुल 75 लाख लोगों को फायदा होगा। सरकार ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का वादा किया था। जिसे आज सरकार ने इसे लागू कर दिया है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र भी शामिल रहे।

दैनिक भास्कर ने बुधवार को कर्मचारियों की इस मांग को प्राथमिकता से उठाया था। उसके बाद शासन के अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने बजट जारी किया।

28 लाख कार्यरत और रिटायर कर्मचारी शामिल
मौजूदा समय प्रदेश में 16 लाख कार्यरत और 12 लाख रिटायर कर्मचारी है। योजना का लाभ के लिए स्वास्थ्य विभाग ने वेबसाइट sects.up.gov.in पर सरकारी कर्मियों और पेंशनर का पंजीकरण भी शुरू कर दिया गया है। इसमें आयुष्मान भारत योजना से चयनित निजी अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा मिलेगी। एक साल में कुल पांच लाख रुपए की कैश लेस चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

100 करोड़ का बजट जारी
सरकार की तरफ से 100 करोड़ रुपए का बजट जारी कर दिया गया है। हालांकि पहली किश्त के तौर पर 10 करोड़ रुपए मिलेंगे।1900 निजी अस्पतालों में पहले से ही आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार की सुविधा दी जा रही है। वहीं सरकारी अस्पतालों में इन्हें असीमित कैश लेस इलाज की सुविधा दी जाएगी।

2016 में सबसे पहले सहमति बनी
उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि सबसे पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में कैश लेस सुविधा को लेकर कैबिनेट में सहमति बनी। कर्मचारियों ने नवंबर 2013 में 10 दिन तक पूरे प्रदेश में हड़ताल किया था। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल खत्म हुआ। उसके बाद ही कैश लेश पर सहमति बनी थी। उस दौरान तीन लाख कार्ड भी बन गए थे।

विधान सभा चुनाव से पहले बनी सहमति
हरिकिशोर तिवारी बताते हैं कि विधान सभा चुनाव 2022 से ठीक पहले इसको लेकर सहमति बनी। जनवरी 2022 में इसको पास करने की घोषणा की गई। यहां तक की नई सरकार बनने के बाद मई में आदेश पारित किया गया कि हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। लेकिन यह मामला केवल आदेश तक सीमित रहा।