गोरखपुर(www.arya-tv.com) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास कार्यों की जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन उनको सुरक्षित रखने और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी जनता को भी उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा कार्य न करें जो प्रकृति या सरकार द्वारा कराए गए विकास को क्षति पहुंचाने वाला हो।
मुख्यमंत्री गोरखपुर शहर से सटे राप्ती नदी के तट पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित महायोगी गुरु गोरखनाथ घाट व श्रीराम घाट के लोकार्पण समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने दोनों घाटों के साथ ही राजघाट पर सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त नवनिर्मित अंत्येष्टि स्थल व प्रदूषण मुक्त लकड़ी व गैस आधारित शवदाह संयंत्र का भी लोकार्पण किया। साथ ही हर्बर्ट बंधे से घाट तक नई सीसी सड़क तक सीसी नाली का शिलान्यास किया। इन विकास परियोजनाओं की लागत 60.65 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन की सच्चाई है कि जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी होगी। मृत्यु के बाद ससम्मान अंतिम संस्कार हो, उसकी भी व्यवस्था होनी जरूरी है। राजघाट के पहले की दशा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि दो साल पहले तक राजघाट आने वालों को दस बार सोचना पड़ता था। मैं भी कई बार आया, यहां गंदगी देख मन खिन्न होता था।
एक ही जगह पर अंतिम संस्कार होता था, वहीं मरे हुए जानवर होते थे और वहीं पर्व त्योहार पर श्रद्धालुओं के सामने स्नान करने की मजबूरी थी। अब यहां स्नान के लिए अलग और अंतिम संस्कार के लिए अलग घाट की व्यवस्था कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 करोड़ की लागत से गुरु गोरखनाथ घाट, जबकि 15.60 करोड़ की लागत से श्रीराम घाट का निर्माण कराया गया है। अब लोग यहां घूम सकते हैं। पर्यटन के लिहाज से भी दोनों घाट रमणीक हैं। इनके बनने से गोरखपुर एवं आसपास के लोगों को पर्व-त्योहार पर स्नान के लिए साफ-सुथरा घाट मिल गया है। अब उन्हें किसी घाट की तलाश में दूसरी जगह नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यहां बने घाटों को सभी लोग अच्छा बताते हैं, लेकिन अब इनके संरक्षण का दायित्व जनता का है।