चित्रकूट : पावन तपोभूमि पर महाकुंभ में भई संतन की भीड़.., दिखे सभी गंभीर

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कानपुर (www.arya-tv.com) तपोभूमि चित्रकूट में जगद्गुरू तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य की पहल पर आयोजित हिंदू एकता महाकुंभ में बुधवार की सुबह से पावन धरती पर चाहे पंथ अनेक हों-हम सब हिंदू एक हों… की गूंज सुनाई दे रही है। हिंदू एकता के मंच पर देश के प्रमुख हिस्सों से आए संतों की भीड़ है तो सभी जन हिंदू एकता के लिए खास गंभीर हैं।

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ जगद्गुरु ने शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। मंच पर मौजूद समेत संत समाज, हिंदू संगठनों और राजनीती से जुड़ी तमाम हस्तियाें ने वंदे मातरम गान किया और हिंदू एकता पर बल दिया।

श्रीराम की संकल्प एवं पावन तपोभूमि चित्रकूट में नया बस अड्डा बेड़ा पुलिया के पास हिंदू एकता महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत तो मंगलवार को कलश यात्रा के साथ हुई। लेकिन बुधवार को खास कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, श्रीश्री रविशंकर, ज्ञानानंदजी गीता मनीषी, सद्गुरु ब्रह्मेश्वरानंद, महानिर्वाणी अखाड़ा से रविंद्र पुरी, आचार्य लोकेश मुनि, साध्वी ऋतंभरा, स्वामी चिदानंद सरस्वती, रमेशभाई ओझा, निंबार्काचार्यश्री जी महाराज, आचार्य रामचंद्र दास, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे समेत संत समाज के लोग मंच पर मौजूद हैं। शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है।

तीन दिवसीय हिंदू एकता महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत मंगलवार को हुई थी। पहले दिन हनुमत महायज्ञ व रुद्राभिषेक से पहले नव कुंडीय गोस्वामी तुलसीदास यज्ञशाला में 11 सौ कलश की स्थापना हुई। रामघाट पर हिंदू एकता का संकल्प लेने के बाद कलश यात्रा निर्मोही अखाड़ा से शुरू हुई थी।

यात्रा में शंकराचार्य, वनवासी राम लक्ष्मण, भरत माता और जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की झांकी खास आकर्षण का केंद्र रही। बांदा के रमेश पाल की देवारी नृत्य करती टोली के अलावा हाथी घोड़ों ने मनोहारी दृश्य प्रस्तुत किया था। जगह-जगह लोगों ने कलश यात्रा पर पुष्पवर्षा की।

महाकुंभ में इनपर होगा मंथन

-हिंदुओं की बेटी, चोटी और रोटी पर गंभीर है। हिंदू जनसंख्या अनुपात को असंतुलित करके हमारी राष्ट्रीय पहचान के समक्ष चुनौती पेश की जा रही है।

-बेटियों को लव जिहाद में फंसाकर मतांतरण करा शोषण हो रहा है, अबोध बालक-बालिकाओं को पाश्चात्य शिक्षा के नाम पर सनातन संस्कृति व संस्कार से दूर किया जा रहा है, ये बंद होना चाहिए।

-विश्व के अंदर सनातन धर्म की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर हिंदू विरोधी शक्तियां हमें जाति व सम्प्रदाय में विभाजित करके दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं। मतांतरण कराया जा रहा है। इससे निपटना होगा।

-पवित्र मठ-मंदिरों का अधिग्रहण करके उनकी संपत्तियों पर कब्जे हो रहे हैं। हजारों गो-माता प्रतिदिन काटी जा रही हैं, जो रुकना चाहिए।